भारत तिब्बत सीमा पुलिस अकादमी में एक वर्ष के कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरान्त 14 सहायक सेनानी / जी०डी० एवं 06 माह के कठिन प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद 12 सहायक सेनानी / चिकित्सा, 01 सहायक सेनानी / वैट कुल 27 अधिकारी, जिनमें 03 महिल सहायक सेनानी / चिकित्सा बल की मुख्य धारा में शामिल हुए। इन अधिकारियों को कठोर एवं लम्बे प्रशिक्षण के दौरान युद्ध कौशल, शस्त्र चालन, शारीरिक प्रशिक्षण, आसूचना मानचित्र अध्ययन, सैन्य प्रशासन, कानून व मानव अधिकार जैसे सैन्य व पुलिस संबंधी विषयो का गहन प्रशिक्षण दिया गया। पास आउट होने वाले इन अधिकारियों में राजस्थान से 04 महाराष्ट्र से 03, उत्तर प्रदेश, झारखण्ड, केरला, उत्तराखण्ड व मध्यप्रदेश से 02-02, व आन्ध्र प्रदेश, बिहार, छतिसगढ़, दिल्ली, हिमाचल, तमिलनाडु, तेलगांना, कर्नाटक, लेह लद्दाख, एवं असम से 01-01 प्रशिक्षणार्थी है। प्रशिक्षण के उपरान्त आयोजित भव्य दीक्षांत एवं शपथ ग्रहण समारोह में इन युवा अधिकारियों ने संविधान एवं बल के प्रति निष्ठा एवं समर्पण की शपथ ली।इस अवसर पर मुख्य अतिथि एवं बल के वरिष्ठ अधिकारियों ने इन युवा धिकारियो के कंधो पर सितारे सजाकर उनका उत्साह वर्धन किया तथा उनके उज्जवल विष्य हेतु शुभकामनायें दी। यह समारोह भारत तिब्बत सीमा पुलिस के बैंड डिस्पले के साथ संपन हुआ।
पासिंग आउट परेड में बतौर मुख्य अतिथि अनीश दयाल सिंह, भारतीय पुलिस सेवा, महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल ने अपने संबोधन में पास आउट होने वाले सभी अधिकारियों को बल की मुख्य धारा में शामिल होने पर बधाई देते हुए इस बल में उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अनीश दयाल सिंह 1988 बैच के मणिपुर कैडर के आई०पी०एस० अधिकारी है। लगभग 35 वर्षो की राज्य व केंद्रीय पुलिस सेवा के लिए उन्हें सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक और विशिष्ट सेवा हेतु राष्ट्रपति पुलिस पदक से नवाजा जा चुका है।
भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल 19 हजार फीट तक की उंचाई पर स्थित अग्रिम चौकियों में माइनस 45 डिग्री तापमान में भी मुश्किल हालातों में मुस्तैदी से काम करने वाला एक अनुशासित और अति प्रशिक्षित बल है, जो कि देश के अलावा विदेशों में भी महत्वपूर्ण संस्थानों को सुरक्षा प्रदान कर रही है। आंतरिक सुरक्षा हो, देश की सीमा की सुरक्षा हो. वी०आई०पी० सुरक्षा प्रतिष्ठित संस्थान, आपदा प्रबंधन या फिर कोई अन्य विशेष कार्य देश को आवश्यकता पडने पर अग्रणी रहते हुए अपने कार्य का निवर्हन करता है।
मुख्य अतिथि ने नव नियुक्त अधिकारियों का आहवान करते हुए कहा कि भारत तिब्बत पुलिस बल का इतिहास बहुत गौरवशाली रहा है। बल को आप लोगों से बहुत अपेक्षाएं है. इसलिए बल की परम्पराओं को आगे बढातें हुए बल का नाम रोशन करना है। मुझे उम्मीद है कि प्रशिक्षण काल में प्राप्त प्रशिक्षण से आप हर चुनौतियों का सामना कर सकेगें। युवा अधिकारी के नाते बल की पुरानी परम्पराओं के निर्वहन के साथ-साथ बल में नये विचारों का भी समावेश करें, क्योकि इस बल में बहुत सारे अवसर आपका इंतजार कर रहे है। उन्होंने प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ठ प्रदर्शन करने वाले निम्नलिखित प्रशिक्षणार्थियों को विशेष बधाई देते हुए उन्हें स्वार्ड ऑफ ऑनर व विजेता ट्राफियों से सम्मानित किया।
इस अवसर को अविस्मरणीय बनाते हुए मुख्य अतिथि ने ई-अमोध पत्रिका का विमोचन किया। इस पुस्तक में उपरोक्त कोर्सों के अब तक के सफर का संग्रहण किया गया है। 28वें सहायक सेनानी / जी०डी० आधार कोर्स के श्रेष्ठ प्रशिक्षणार्थी: सहायक सैनानी जी०डी तरुण बिष्ट को सोर्ड ऑफ ऑनर फॉर बेस्ट ऑल राउण्ड ट्रेनीऔर बेस्ट आउटडोर ट्रेनी, सहायक सैनानी जी०डी अरविन कुमार एम बेस्ट इन इनडोर ट्रेनी ,सहायक सैनानी जी०डी हिमांशु पलारिया बेस्ट स्पोर्टस पर्सन ट्रेनी 53वें जी०ओज० कम्बैटाईजेशन कोर्स के श्रेष्ठ प्रशिक्षणार्थी में सहायक सैनानी एम०ओ० सागर बालू कुमार ओफलकर ऑल राउण्ड बेस्ट ट्रेनी बेस्ट इन आउटडोर और सहायक सैनानी एम०ओ० रिशू रंजन बेस्ट इन इनडोर ट्रेनी अवार्ड से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर पी० एस० डंगवाल, महानिरीक्षक / निदेशक भारत तिब्बत सीमा लिस अकादमी ने मुख्य अतिथि एवं दीक्षांत समारोह में उपस्थित मसूरी के सम्मानित जन प्रतिनिधियों, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के सेवानिवृत एवं सेवारत अधिकारियों, स्थानीय शासन के अधिकारियों तथा अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एवं अभिनन्दन किया।अन्त में राजेश शर्मा, उप-महानिरीक्षक / उप-निदेशक अकादमी (प्रशिक्षण) ने मुख्य तिथि एवं दीक्षांत समारोह में उपस्थित समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने अपने संबोधन में इन नव अधिकारियों को दिए गए सघन प्रशिक्षण और प्रशिक्षण के प्रति अकादमी की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।