मसूरी चैत्र नवरात्रि के अवसर 22 मार्च को सरकार द्वारा घोषित कार्यक्रम ‘नारी शक्ति उत्सव’ के विरोध में शिफन कोर्ट के 84 बेधर परिवार के लोग थाली बजाकर ‘नारी दमन दिवस’ मनाएंगे । तथा सरकार के एक वर्ष पूरे होने के दिन 23 मार्च को सरकार के घोषित कार्यक्रम ‘एक साल नई मिशाल’ के स्थान पर ‘एक साल झूठी सरकार’ दिवस मनाएंगे । उधर ‘वादा निभाओ- आवास दो’ आन्दोलन के तहत भारी बारिश एवं ठंड के बावजूद धरना 21 वें दिन भी धरना जारी रहा । प्रतिकूल मौसम में भी प्रभावितों की सुध न लेने पर आज समिति की बैठक में नगर पालिका मसूरी और सरकार की निंदा प्रस्ताव पारित किया गया ।
शिफन कोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति की सभा धरना स्थल शहीद स्मारक पर सम्पन्न हुई । सभा में सरकार और नगर पालिका परिषद मसूरी के खिलाफ इस बात का निंदा प्रस्ताव पास किया गया कि स्थानीय एवं प्रदेश सरकार के मुखियाओं द्वारा स्वंय ही शिफन कोर्ट के बेघरों को जमीन एवं घर देने की घोषणा की गई एवं आवास निर्माण के लिये भूमि पूजन भी कर दिया गया मगर अब सवा साल बाद भी आवास निर्माण के नाम पर एक गैंती तक नहीं लगी । और अब कोई जवाब देने के बजाय मूॅह छिपाते फिर रहे हैं । 20 दिन से ठंड बारिश में बैठी गरीब मजदूर मां बहिनों और बालिकाओं की सुध लेने तक पालिका या सरकार का कोई प्रतिनिधि धरना स्थल तक नहीं आए हैं ।

समिति के संयोजक एवं राज्य आन्दोलनकारी प्रदीप भण्डारी ने कहा कि सरकार एक तरफ नारी शक्ति उत्सव के नाम पर करोड़ों रूपया लोकधन कोष से फूंक कर उत्सव मना रही है और दूसरी तरफ 5 दिन की नवजात बालिका से लेकर 70 साल की वृद्ध महिला 3 साल से सड़क पर अपमानित हो रही है उसका दमन हो रहा है । जबकि पिछले एक साल में भाजपा नेताओं द्वारा पेपर लीक किया गया, भाजपा नेता के बेटे द्वारा अंकिता भण्डारी हत्याकांड को अंजाम दिया गया, पढ़े लिखे यूवाओं को रोजगार देने के बजाय दमन कारी सरकार द्वारा बेटा बेटियों को लाठी और पत्थर मार कर लहुलुहान कर किया गया ।
लोकायुक्त समेत जनता से किया एक भी वादा पूरा नहीं किया और फिर उत्सव मना रही है एक साल नई मिसाल कार्यक्रम का शिफन कोर्ट के बेघर लोग पूरजोर विरोध करेंगे और इसके स्थान पर ‘एक साल झूठी सरकार’ कार्यक्रम आयोजित कर विरोध प्रदर्शन करेंगे । इस मौके पर शिफन कोर्ट आवासहीन निर्बल मजदूर वर्ग एवं अनुसूचित जाति संघर्ष समिति के अध्यक्ष संजय टम्टा, महामंत्री राजेन्द्र सेमवाल, कन्हैया लाल भट्ट, ममता भट्ट, सरस्वती, रजनी देवी, मनीषा देवी, लक्ष्मी देवी, शीला देवी, राजेश डंगवाल, मनवर सिंह, धुरी लाल, खीमानंद नौटियाल, दशरथ समेत कई लोग मौजूद रहे।