केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने मसूरी में पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों के साथ मुलाकात की और पर्यटन उद्योग के बारे में जानकारी ली। इस मौके पर मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल और उत्तराखंड होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएषन के प्रदेष अध्यक्ष सदीप सहानी ने बताया कि पिछले दिनों मसूरी में अत्यधिक बारिष होने व उत्तराखंड और हिमाचल में आई आपदा के कारण पर्यटक व्यवसाय बूरी तरीके से प्रभावित हो गया है जिससे उनको भारी आर्थिक नुकसान को झेलना पड़ा है ।उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मीडिया में उत्तराखंड हिमाचल को जोड़कर आपदा से जुड़े चित्र दिखाए गए हैं उसे लोगों में दहशत है परंतु उत्तराखंड के जयादातर पर्यटन स्थल पूरी तरीके से सुरक्षित थे जहां पर किसी प्रकार की कोई बारिष से कोई नुकसान या जनहानि नहीं हुई है उन्होंने कहा कि सरकार को उत्तराखंड के पर्यटन व्यवसाय को दोबारा पटरी में लाने के लिए प्रचार प्रसार और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। केंद्रीय पर्यटन एवं रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए देश-विदेश की जनता से अपील की है कि अब सभी हिमालय राज्यों में सब चीज पटरी पर लौट चुकी है उत्तराखंड में भारी बारिष के कारण नदीयांये उफान पर रही पहाड़ किसके पर किसी तरीके की भारी नुकसान और जनहानि नहीं हुई है उन्होंने कहा कि हिमाचल में आपदा से काफी नुकसान हुआ है परंतु अब हिमाचल भी हल्के-हल्के पटरी पर लौट रहा है व स्वंय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बारिष के बाद हुए नुकसान और जनहानि की मॉनीटरिंग कर रहे हैं व आपदा ग्रस्त राज्यों को हर संभव मदद दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में आई आपदा के कारण हिमालय राज्यों के पर्वतीय क्षेत्र का इपर्यटन की दृश्टि से भारी नुकसान हुआ है
उन्होंने कहा कि प्रकृति के आगे किसी की नहीं चलती है परंतु सभी हिमालय राज्य अब सुरक्षित है उत्तराखंड के सभी र्प्यटन स्थल र्प्यटकों के लिये पूर्व की भांति तैयार है। उन्होने कहा िकवह देश और विदेश के लोगों को यह बताना चाहते हैं कि उत्तराखंड के पर्यटक स्थल पूरी तरीके से सुरक्षित है और अब स्थितियां सामान्य हो गई है चार धाम यात्रा भी पूरी तरीके से सुरक्षित है उन्होंने कहा कि कभी-कभी पहाड़ खिसकने के कारण सडक पर मलबा आसने से रास्ते बंद हो जाते हैं परंतु सरकार , प्रशासन ओर संबधित विभाग पूरी तरह से तैयार रहा और कोई भी बंद सडक जयादे देर के लिये बद नही रही। उन्होंने कहा कि किसी भी विकास कार्य को लेकर पर्यावरण और टेक्नोलॉजी का संतुलन बनाए जाना जरूरी है और उनकी सरकार कोई भी विकास कार्यो को कराने से पूर्व इस बात का विशेष ध्यान रख रही है कि क्षेत्र का विकास करते हुए पर्यावरण को किसी प्रकार का नुकसान ना हो।