भारत विकास परिषद मसूरी द्वारा मसूरी गर्ल्स इंटर कॉलेज के सभागार में छात्रों के स्वास्थ्य संबंधित कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि स्त्री रोग विशेषज्ञ डा. तारू श्री वर्मा ने दीप प्रज्वलित का शुभारम्भ किया। भारत विकास परिषद मसूरी की अध्यक्ष राजश्री रावत ने मुख्य अतिथि का फूलो का गुलदस्ता और शॉल भेट कर स्वागत किया। स्त्री रोग विशेषज्ञ तारू श्री वर्मा ने छात्राओं को प्रोजेक्टर के माध्यम से युवतियों को युवा अवस्था में हो रहे शारीरिक बदलावों के बारे में जानकारी दी गई। इस मौके पर भारत विकास परिषद मसूरी की ओर से छोटे बच्चों के लिए 20 गर्म स्वेटर वितरित किए गए जिससे उनको ठंड से राहत मिल सके।

स्त्री रोग विशेषज्ञ तारू श्री वर्मा ने छात्राओं को उनकी समस्याओं और युवावस्था के हो रहे शारीरिक बदलावों के बारे में प्रोजेक्टर के माध्यम से जानकारी दी व समस्याओं के समाधान के बारे में भी अवगत कराया । उन्होने कहा कि बचपन से लेकर बुढ़ापे तक जीवन में कई पड़ाव आते हैं, जिनमें से सबसे अहम पड़ाव किशोरावस्था है। यह वो समय होता है, जब बच्चे बचपने से निकल कर जीवन की दूसरी सीढ़ी पर पैर रखने के लिए तैयार होते हैं। उनमें मानसिक व शारीरिक विकास के साथ-साथ बौद्धिक विकास भी होने लगता है। यही वो दौर होता है, जहां से उनके भविष्य की राह तय होती है। इस समय में जरा-सी लापरवाही बच्चे के जीवन की राह बदल देती है। अगर यह कहा जाए कि मनुष्य के जीवन का यह सबसे नाजुक दौर होता है, तो गलत नहीं होगा। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी कई गुणा बढ़ जाती है। इस दौरान युवाओं में किस तरह के परिवर्तन होते हैं और उन्हें कैसे संभाला जाए।

उन्होने युवतियों को साफ सफाई पर विषेश सावधानियां बरतें, साफ सफाई का ध्यान रखें, किस तरह का आहार लें। भारत विकास परिषद मसूरी की अध्यक्ष राजश्री रावत ने कहा कि भारत विकास परिषद ने मसूरी गर्ल्स इंटर कालेज में किशोरी छात्राओं को उनके युवा अवस्थाओं में होने वाले रोगों व समस्याओं के बारे में डा. तारू श्री ने बहुत की सुंदर तरीके से प्रोजेक्टर व डायग्राम के माध्यम से समझाया उन्होंने कार्यक्रम में 13 से 17 साल की किशोरियों को किशोरावस्था के लक्षण,शारीरिक बदलाव को लेकर किशोरों एवं किशोरियों में एक अजीब सा कौतूहल रहता है। इस अवस्था में शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक बदलावों के प्रति जरूरी जानकारी दी जानी चाहिए। इससे किशोर एवं किशोरियों के स्वभाव एवं नैतिक व्यवहार को सही दिशा में मिलती है। किशोर एवं किशोरियों को सही समय पर उचित जानकारी नहीं मिलने पर वह गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं।

आज के किशोर कल के जिम्मेदार नागरिक बनेंगे। इसलिए किशोरावस्था में ही उन्हें यौन शिक्षा दिया जाना नितांत आवश्यक है।किशोरियों में इस अवस्था में होने वाली प्रथम माहवारी के बारे में वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित जानकारी दी। एनीमिया के कारण व निदान के उपाय बताए। इस मौके पर प्रधानाचार्य अनिता डबराल, दंतेश्वरी नायल, विजय लक्ष्मी, गुडी देवी, प्रोमिला नेगी, राजनी एंकात, चंद्र कला सायना, अनिता पुंडीर, सुधा षाह, अनिता डबराल आदि मौजूद थे।
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