लेखक आलोक लाल और मानस लाल रचित कहानी की पुस्तक ऑन द ट्रेल ऑफ ठग्स एंड थीव्स का मसूरी के होटल के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अंग्रेजी लेखक गणेश सैली और लेखक स्टीफन आल्टर ने लोकार्पण किया। इस मौके पर पुस्तक के बारे में विस्तार से चर्चा की गई । वह मौके पर मौजूद श्रोताओं ने पुस्तक ऑन द ट्रेलर ऑफ ठग्स एंड थीव्स किताब की जमकर सराहना की।

लेखक आलोक लाल ने कहा कि उन्हें पुलिस विभाग का लंबा अनुभव है और पुलिस ऐसा विभाग है जिसमें अच्छे और बुरे लोग दोनो मिलते है जो दिलचस्प होते है। आलोक लाल ने कहा उनके अंदर लिखने की क्षमता हमेशा मौजूद थी और मुझे किताबें लिखने के लिए केवल एक बहाना चाहिए था। बेशक, मुझे जल्द ही एहसास हुआ कि लेख और किताबें लिखना दो अलग-अलग चीजें हैं। एक वॉल्यूम तैयार करने में बहुत अधिक समय, एकाग्रता, लेखन अनुशासन और प्रयास लगता है। मेरे मामले में, मानस की संगति ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने कहानियां खोज निकाली और मुझे उन पर पूरी किताबें लिखने के लिए राजी किया। मैं कभी सोच भी नहीं सकता था कि किताबें हैचेट, ब्लूम्सबरी और ओम जैसे प्रतिष्ठित प्रकाशन गृहों द्वारा प्रकाशित की जाएंगी। उन्होने कहा िकवह एक पुलिस अधिकारी है और पुलिस के पास बहुत कहानियां होती है इसलिए वह कहानियां दूसरों तक पहुंचे इसलिए यह पुस्तक लिखी है उन्होंने बताया कि पहली पुस्तक बारहबंकी नारकोस उसका वेबसीरीज भी बन रहा है

लेखक मानस लाल ने कहा कि इस पुस्तक में आठ कहानियां है जिसमें उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के गांवों से जुड़ी है इन कहानियों में चोरियों के उपर लिखा है लेकिन इससे बडी बाते पता चलती है। मानस लाल ने कहा कि मैं हमेशा लिखित शब्दों की ओर दृढ़ता से आकर्षित रहा हूं। मैं अपने स्कूल के दिनों से ही निबंध लिख रहा हूं। चूँकि मेरे पिता प्रिंट मीडिया के लिए अक्सर लिखते रहते थे, इसलिए मुझे प्रेरणा के लिए बहुत दूर जाने की ज़रूरत नहीं पड़ी। दीर्घकालिक लेखन में हमारी साझेदारी हमें वह शानदार आउटपुट देने में मदद करती है जिसके बारे में आपने बात की थी। ऑन द ट्रेल ऑफ ठग्स एंड थीव्स डकैती की घटनाओं और चोरों के जीवन के बारे में आठ वास्तविक जीवन की कहानियों का एक संग्रह है – जैसा कि लेखकों ने परिचय में बताया है, हत्याओं के विपरीत, जिन अपराधों पर ज्यादा चर्चा नहीं की जाती है। जब मैंने यह पुस्तक उठाई तो मुझे कुछ गंभीर और जटिल अपराधों की आशंका थी। हालाँकि, इन कहानियों की यूएसपी यह है कि इन अपराधों को सनसनीखेज तरीके से कैसे अंजाम दिया जाता है, सामाजिक-राजनीतिक कारण क्या हैं और पुलिस टीमों ने इन्हें कैसे सुलझाया है।

मानस लाल ने कहा कि किताब का प्री-रिलीज़ चरण एक महीने पहले हुआ था आम पाठकों और आलोचकों, दोनों की प्रतिक्रिया उत्साहवर्धक रही है। रिलीज़ चरण में ही उनको किताब की बंपर बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं क्योंकि हमने घोषणा की है कि हमें मिलने वाली रॉयल्टी ओडिशा रेल त्रासदी पीड़ितों के लिए दान की जाएगी। हमारी पुस्तक को बड़ी संख्या में पाठकों ने ऑनलाइन पसंद किया है और अपनी शैली में अमेज़ॅन चार्ट के शीर्ष स्थान पर बनी हुई है। अधिकांश स्थान जो लेखक इन कहानियों के माध्यम से बताते हैं, वे मेरे लिए नए हैं और यह जानना दिलचस्प था कि जीवन कैसा था, खासकर अतीत में, जब ये कहानियाँ घटित हुईं। अगर आपको भी सच्ची अपराध कहानियाँ पढ़ना पसंद है तो यह किताब ज़रूर पढ़नी चाहिए।
लेखक स्टीफन आल्टर ने कहा कि आलोक लाल और उनके पुत्र मानस लाल ने जो यह पुस्तक लिखी उन्होंने दो बार पढ़ी इसमें बड़ी ही पुलिस से जुडी रोचक कहानियां है इसमें सबसे अच्छी बात है कि जो कहानी एक सिरे से शुरू होती है वह दूसरे छोर पर समाप्त होती है जिसे पाठक अंत तक पढेगा। उन्होने कहा कि लेखकों की पिछली किताब पढ़ी और सच्ची अपराध कहानियों को बयान करने की उनकी शैली से बहुत प्रभावित हुआ और यह किताब इस शैली पर उनकी पकड़ को दोहराती है। कहानियाँ शुरू से अंत तक पाठकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करेंगी और सभी आठ कहानियाँ अपने तरीके से अनूठी हैं।