प्रशासन ने लिंगानुपात में आ रही कमी के कारणों को तलाशने की कवायद शुरू कर दी है जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग को सभी जिलों के ब्लाक स्तर में जाकर लिंगानुपात का डाटा एकत्रित कर लोगों को लिंगानुपात के बारे में जागरूक करने के काम किए जा रहे हैं जिसको लेकर मसूरी में शुक्रवार को एसीएमओ डॉ.दिनेश चौहान द्वारा मसूरी उप जिला चिकित्सालय अस्पताल का निरीक्षण किया वही आशा कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की गई का लिंगानुपात में आ रही कमी को लेकर विस्तृत वार्ता कर आषा कार्यकर्ताओं के सुझाव भी लिए गए। उत्तराखंड में लिंगानुपात में आ रही कमी को लेकर चिंता जाहिर की । उन्होंने कहा कि लगातार लड़कियों की जनसंख्या कम हो रही है जो एक चिंता का विषय है इसको लेकर लोगों को जागरूक करना जरूरी है

उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि सभी लोग लड़के की चाहत रखते हैं वही लड़कियों को लेकर इंटरेस्ट नहीं दिखाते हैं जो गलत है उन्होंने कहा कि लड़कियां नहीं होंगी तो देश आगे कैसे बढ़ेगा यह अपने आप में बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों नीति आयोग की बैठक में उत्तराखंड में लिंगानुपात में भारी कमी देखी जा रही है जिसमें जेंडर इक्वलिटी के तहत जन्म के समय लिंगानुपात की स्थिति भी देश के सामने रखी गई थी इस रिपोर्ट में लिंगानुपात में सबसे खराब स्थिति वाला राज्य उत्तराखंड शामिल है आयोग ने कहा है कि राज्य में यह अनुपात 840 है।नीति आयोग के आंकड़े के हिसाब से उत्तराखं डमें वर्ष 2018 में 850, 2019 में 841,2020 में 840, 2021 में 837, 2022 में 836 और 2023 में 540 है। उन्होने कहा कि जिलाधिकारी के निर्देश के बाद सभी ब्लाॅकों में लिंगानुपात में आ रही कमी के कारणों को आकंलन करने के लिये टीम गठीत की गई हे जो आशा वर्कर के सहयोग से स्थानीय लोगों से वार्ता कर जागरूक करने का काम कर रही है। ताकि लिंगानुपात को बढ़ाए जा सके। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग का सहयोग करना होगा लड़की के प्रति मानसिकता को कम करने के लिए जागरूक करना है उन्होंने कहा कि लडके ओर लडकिया एक सामान हैं। उन्होंने कहा कि मसूरी में लिंगानुपात में भारी कमी देखी जा रही है जो चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि मसूरी के उप जिला चिकित्सालय में पैरामेडिकल और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को दूर करने के लिए लगातार सचिव स्तर से काम किया जा रहा है वही जल्द एएनएम की भी नियुक्ति मसूरी के कर दी जायेगी। इस मौके पर सीएमएस डॉ यतेंद्र सिंह, डॉ खजान सिंह चौहान डॉ विरेंद्र पांति डॉ अभिषेक डॉ अरविंद राणा आदि मौजूद थे