पैरालिंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी डा.दीपा मलिक ने हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग किया। दीपा मलिक ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि उन्होंने कहा कि उनका पहला प्यार मोटर स्पॉट से है हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर वह काफी खुश है। आजादी का अमृत महोत्सव है और 40 साल पहले हिमालयन कार रैली की नींव रखी गई थी जिसको एक बार फिर आयोजित कर इतिहास को संजोने का काम किया है वह स्वयं हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर भारत के प्रतिबिंम को दर्शाने का काम कर रही है । 50 वर्ष की महिला हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर रही है ना उसकी आयु, ना ही उसके दिव्यांगता और ना ही उसका महिला होना आड़े हाथ आ रहा है यह नया भारत है जिसमें सभी को बराबर की अवसर मिल रहे हैं। उनकी जैसी दिव्यांग महिला भी हिमालयन कार रैली में प्रतिभाग कर एडवेंचर टूरिज्म का लुफ्त उठा रही है।
उन्होंने कहा कि वह वूमेन इन मोटर स्पोर्ट कमीशन की सदस्य भी है और उनका मुख्ये उद्देश्य है कि वह महिलाओं को मोटर स्पोर्ट्स में जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करे। उन्होंने कहा कि मोटर्स में कई कैरियर ऑप्शन है जिसके तहत लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सकता है मोटर स्पोर्ट्स में भी महिलाओं के लिए कई ऑप्शन है परंतु महिलाओं को इसके लिए जागरूक करने की जरूरत है । अमृत महोत्सव के तहत भारत के हर एक पल को उस इतिहास को याद करने की और समझाने की कोशिश की जा रही हैं जिसने भारत को नए भारत का स्वरूप दिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व में हिमालयन कार रैली अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित की जाती थी परंतु इस बार कोविड के कारण् कई लोग इसे प्रतिभाग नहीं कर पाए हैं परंतु अगले साल उनको पूरी उम्मीद है कि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर की हिमालयन कार रैली होगी जिसमें वह भी प्रतिभाग करेंगी।
पैरालिंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी डा.दीपा मलिक ने पैरालिंपिक खेल 2016 की गोला फेंक की एफ 53 स्पर्धा में रजत पदक जीतने वाली महिला है। रीढ़ की हड्डी के ट्यूमर के कारण कमर के नीचे लकवे की हो गई थी।
’ देश की प्रतिष्ठित खिलाड़ियों में से एक दीपा को 1999 में रीढ़ के ट्यूमर का पता चला था, जिसके बाद वह कमर के नीचे लकवे की शिकार हो गईं। उन्होंने 2011 आईपीसी विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप की गोला फेंक की एफ52-53 स्पर्धा में रजत पदक सहित कई अंतरराष्ट्रीय पदक जीते। दीपा ने एशिया पैरा खेलों में चार पदक जीते जिसमें 2010 में भाला फेंक की एफ52-53 स्पर्धा का कांस्य, 2014 में भाला फेंक की एफ52-53 स्पर्धा में रजत और 2018 में दो कांस्य पदक (चक्का फेंक एफ52-53 और भाला फेंक एफ53-54) शामिल हैं। दीपा को 2012 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया।