शत्रु संपत्ति पर केंद्र के सख्त रुख के बाद राज्य सरकार हरकत में आ गई है। उत्तराखंड में जिला प्रशासन द्वारा 69 ऐसी संपत्तियां खोज ली गई हैं, जिन्हें सरकार में निहित किया जा चुका है। 68 संपत्तियों का पता नहीं लगा। केंद्र सरकार की मदद से उनका पता लगाया जाएगा। इन सभी संपत्तियों की कीमत करोड़ों में है। सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को इन संपत्तियों की जांच का काम प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए हैं। जिसके बाद पहाडों की रानी मसूरी में कैमल बेक रोड में 1680 वर्ग मीटर जमीन को चिंहित की अपने कब्जे में लिया गया था। मंगलवार को राजेन्द्र कुमार उप सचिव और प्रशांत सिंह सैनी सर्वेक्षक शत्रु संपत्ति अभिरक्षक द्वारा मसूरी पहुच का स्थानीय प्रशासन के सहयोग से मसूरी कैमल बैक रोड में चिन्हित शत्रु सम्पति का निरीक्षण किया। नायब तहसीलदार विनोद तिवारी ने बताया कि मसूरी कैमल बैक रोड स्थित शत्रु संपत्तियों का स्थली निरीक्षण एवं उससे संबंधित अभिलेखों की प्रमाणित प्रतियां सर्वेक्षक, प्रशान्त सिंह सैनी को भारत सरकार के आदेश के बाद उपलब्ध कराये गए है उन्होने बताया कि गृह मंत्रालय, भारत सरकार, लखनऊ द्वारा अवगत कराया गया है कि पाक नागरिक आरिफा खातून व अमीरा खातून पुत्री चौधरी हैदर हुसैन की सम्पति स्थित भवन दिल-ए-राम-स्टेट, कैमल बैंक रोड, मसूरी देहरादून शत्रु सम्पत्ति के संबंध में विस्तृत आख्या मांगी गई थी जिसके बाद जिलाधिकारी देहरादून के निर्देश के बाद मसूरी में शत्रु सम्पति की विस्तृत रिपोर्ट उपलब्ध कराई गई है। उन्होने बताया कि उप सचिव द्वारा मसूरी में पाई गई षत्रु समपत्ति की चारो ओर से तारबार करने के भी निर्देष दिये गए है।

बता दे कि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 तथा भारत रक्षा अधिनियम, 1968 तथा भारत सरकार, नई दिल्ली द्वारा 10.09.1965 की अधिसूचना के अनुसार भारत में स्थित चल व अचल सम्पत्ति, जो पाकिस्तानी राष्ट्रिक से सम्बन्धित या उनके नियंत्रण अथवा उनकी ओर से प्रबंधित थी. शत्रु सम्पत्ति मानी जाती है ऐसी सम्पत्तियों को भारत के शत्रु सम्पत्ति अभिरक्षक में निहित किया गया है तो उस में निरन्तर निहित रहेगी। बता दे कि उत्तराखं डमें पांच जिलों हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, देहरादून, नैनीताल और अल्मोड़ा में 69 शत्रु संपत्तियों का पता चला है। ये सभी संपत्तियां शहरी क्षेत्रों में होने की वजह से इनका मूल्य कई सौ करोड़ बताया जा रहा है। देहरादून शहर, मसूरी, नैनीताल शहर और ऊधमसिंह नगर में किच्छा, ऊधमसिंह नगर और हरिद्वार में भगवानपुर, ज्वालापुर समेत कई स्थानों पर इनके होने की जानकारी सरकार के पास है। इन संपत्तियों पर मौजूदा कब्जे या अतिक्रमण के बारे में सही जानकारी जुटाई जा रही है। प्रशासन की टीम मौके पर जाकर संपत्तियों की जांच कर रही है वह। अन्य 68 शत्रु संपत्तियों के बारे में सरकार के पास जानकारी नहीं है। इस बारे में केंद्र सरकार की मदद ली जा रही है। इस मौके पर लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजेंद्र पाल भी मौजूद थे।