मसूरी नगर पालिका परिषद में सूचना के अधिकार अधिनियम का जमकर मजाक बनाया जा रहा है जिसको लेकर राज्य सूचना आयोग द्वारा पूर्व अधिशासी यूडी तिवारी और वर्तमान अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी पर सूचना के अधिकार के तहत सूचना ना दिए जाने पर पांच पांच हजार का जुर्माना लगाया गया है और उनके द्वारा दोनों अधिशासी अधिकारी को लेकर सख्त टिप्पणी की गई है बता दें कि आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश अग्रवाल द्वारा नगरपालिका लोक सूचना अधिकारी यूडी तिवारी से मांगी गई थी परंतु अधिशासी अधिकारी यूडी तिवारी का 30 जुलाई 2022 को नगरपालिका मसूरी से नगरपालिका उत्तरकाशी स्थानांतरण ें हो गया था जबकि विभागीय अपीलीय अधिकारी के निस्तारण आदेश 25 मई 2022 के हैं ऐसे में उनके पास अपीलीय को सूचना उपलब्ध कराने का 2 माह का पर्याप्त समय था पर उनके द्वारा सूचना नहीं दी गई साथ ही उनके द्वारा अपने अधीनस्थ कर अधीक्षक गिरीश चंद सेमवाल नगर पालिका परिषद मसूरी को सूचना के अधिकार के कार्य को सौंपा गया जबकि सूचना उपलब्ध कराने का दायित्व स्वयं लोक सूचना अधिकारी का ही है । जिसका संज्ञान लेते हुए राज्य सूचना आयोग अधिषासी अधिकारी यूडी तिवारी पर समय पर सूचना ना देने का दोषी ठहराते हुए लोक सूचना अधिकारी द्वारा सूचना के अधिकार को गंभीरता से ना लेते हुए को सूचना देने में बाधा व अवरोधन किया गया। जिसके तहत भेजे गए कारण बताओ नोटिस की पुष्टि करते हुए अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद चंबा टिहरी गढ़वाल यूडी तिवारी पर सूचना अधिकार के अधिनियम की धारा 20(1) के ₹5000 का जुर्माना लगाया गया है वह वर्तमान अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी पर भी राज्य सूचना आयोग द्वारा सूचना के अधिकार के तहत सूचना ना दिए जाने पर ₹5000 का जुर्माना लगाया गया है वही लोग प्राधिकारी जुर्माना की राशि को उत्तराखंड सूचना के अधिकार नियमावली 2013 के नियम 11 के तहत वसूल कर आयोग को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश अग्रवाल ले राज्य सूचना आयोग का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि नगर पालिका परिषद के लोक सूचना अधिकारी से उनके द्वारा कई विषयों पर सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत सूचना मांगी गई है परन्तु नगर पालिका के लोक सूचना अधिकारी सूचना के अधिकार के नियमों का उल्लंघन कर सूचना उपलब्ध नहीं करा रहे है जिसके बाद उनके द्वारा राज्य सूचना आयोग में शिकायत की गई जिसका संज्ञान लेते हुए आयोग ने पूर्व अधिशासी अधिकारी यूडी तिवारी और वर्तमान अधिशासी अधिकारी राजेश नैथानी पर पांच पांच हजार का जुर्माना लगाकर मांगी गई सूचना देने के निर्देश दिये गए है। उन्होने कहा कि सूचना के अधिकार का उल्लंघन करने पर सजा का भी प्रावधान होना चाहिए जिससे सूचना के अधिकार को मजबूती मिल सके।
सुनील सोनकर
संपादक