गुरु नानक जयंती – गुरुपुरब पूरे देष में बड़े पैमाने पर मनाई जा रही है वही पहाड़ी मसूरी की रानी में गुरु नानक जयंती बहुत धूमधाम से मनाई जाती है। गुरुपर्व सिख धर्म में कई शुभ धार्मिक त्योहारों में से एक है, जो पहले सिख गुरु और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के जन्म और दर्शन को याद कर मनाया जाता है। गुरु नानक जयंती को आमतौर पर कार्तिक पूर्णिमा पर पड़ता है। गांधी चौक और लंढौर बाजार में मसूरी में गुरुद्वारा दोनों को बहुत खूबसूरती से सजाया गया। इस मौके पर गुरूद्वारों में षबद कीर्तन किया गया व लंगर का आयोजन किया गया। गुरू सिंह सभा गांधी चौक के तत्वाधान में गुरूद्वारे में अरदास के बाद षबद कीर्तन का अयोजन किया गया जिसमें बड़ी संख्या में सिख परिवारों के साथ ही अन्य लोगों ने भाग लिया वहीं गुरु नानक देव के बताए रास्ते पर चलने का संकल्प भी लिया। ।

इस मौके पर ग्रंथी ने पाठ किया व षबद कीर्तन का आयोजन किया गया जिसमें सभी मोजूद श्रद्वालु गुरूनानक देव की आरधना में लीन हो गए। वही मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने भी संपूर्ण देशवासियों को गुरु नानक की जयंती की शुभकामनाएं दी उन्होंने बताया कि उनके पूर्वजों द्वारा गुरु नानक जी की जन्म कुंडली बनाई गई थी जो आज भी उनके पास मौजूद है। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज और पिता के द्वारा भारत के कई महत्वपूर्ण लोगों की जन्म कुंडली बनाई गई है और इन सब की असल प्रतिलिपि उनके पास आज भी मौजूद है उन्होंने कहा कि वह पूरे देशवासियों को गुरु नानक जी की जन्म कुंडली को समर्पित करते हैं और आने वाले समय पर वाह गुरूनानक जी की जन्म कुंडली मसूरी के गुरुद्वारे की समिति को उपहार रूप देंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के कारण उनके पास रखे महत्वपूर्ण मसूरी और अन्य जगहों के इतिहास है जिनको संरक्षित किया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार उनके द्वारा सरकार और मसूरी नगर पालिका से मसूरी में म्यूजियम बनाए जाने की मांग की गई परंतु दुर्भाग्यवश ना तो सरकार और ना ही नगरपालिका द्वारा इस ओर ध्यान दिया जा रहा ह।ै उन्होंने कहा कि उनके पास मसूरी और अन्य जगहों के साथ कई बड़े नामचीन लोगों के महत्वपूर्ण इतिहास आज भी मौजूद है जिन को संरक्षित किया जाना जरूरी है उन्होंने कहा कि उनकी उम्र लगातार बढ़ रही है ऐसे में वह चाहते हैं कि जल्द से जल्द सरकार उनके पास रखी सभी ऐतिहासिक चीजें को लेकर उसे संरक्षित कर एक म्यूजियम में संरक्षित कर दें जिससे कि मसूरी आने वाले लोगों को मसूरी और आसपास के इतिहास के बारे में पता लग सके और वह सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामानों का भी दीदार कर सकें।

लंढौर बाजार गुरुद्वारा के अध्यक्ष एमपीएस खुराना ने कहा कि गुरुपर्व वास्तव में उस वर्षगांठ उत्सव को संदर्भित करता है जो सिख धर्म के प्रति महत्वपूर्ण योगदान को चिह्नित करने के लिए 10 सिख गुरुओं के जीवन के इर्द-गिर्द घूमता है। जसबीर कौर ने बताया कि सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव ने पूरा जीवन लोगों की भलाई के लिए न्यौछावर कर दिया। । उन्होने बताया कि गुरु पर्व से तीन सप्ताह पहले से सिख धर्म के लोग भजन कीर्तन करते हुए प्रभात फेरी निकाली गई। इस अवसर पर जसबीर कौर, मसूरी भाजपा अध्यक्ष मोहन पेटवाल, सदस्य अरविंद सेमवाल, अवतार कुकरेजा, अनंत पाल, जगजीत कुकरेजा कई उपस्थित थे।