मसूरी विंटर लाइन कार्निवाल की समापन की सांस्कृतिक संध्या में जिला शिमला से संबंधित पहाड़ी कलाकार विक्की चौहान द्वारा एक के बाद हिट गानों को पेश किया गया। उन्होंने अपने कार्यक्रम के दौरान चम चमानदे हो, भाई री सालिये तू, बार बार धंटी बाजो, पहाड़ी बंदे बड़े मस्त हुंदे, डाली झुमा, ओरी आजा तू बेश मेरी कारो दी, मारे गांव दो लागो टूर्नामेंट लाना हुडिब्बा जैसे एक से बढ़कर एक गानों को प्रस्तुत किया गया।दर्शकों ने सीटियां बजाकर इनका स्वागत किया।

पहाड़ी गायक विक्की चौहान ने विंटर लाइन कार्निवल के आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मसूरी विंटर लाइन कार्निवल में उनको अपनी प्रस्तुति देने का मौका मिला व कार्निवल हॉल में प्रशंसकों की भीड़ लेकर वह काफी उत्साहित थे। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड और हिमाचल दोनों ही पहाड़ी राज्य है और दोनों की संस्कृति आपस में काफी मेल खाती है ऐसे में दोनों प्रदेशों के राज्य के कलाकारों को एक दूसरे के राज्य में आकर अपनी संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए वही देश विदेश में भी अपनी संस्कृति को लेकर लगातार प्रचार प्रसार करना चाहिये हैं। उन्होने कहा कि संस्कृति कभी भेदभाव नहीं किया जा सकता है । दोनों प्रदेषो कह संस्कृति का आपस में समावेश हो होगा तो दोनों की भाषाएं मिलेंगी वह लोग एक साथ रहना शुरू करेंगे और इससे लोक संगीत के साथ संस्कृति भी बढावा मिलेगा। उन्होने कहा कि उनके जीवन का पहला गाना झुमके झुमके ने उनकी किस्मत को बदल दिया और यह गाना उन्होंने रिक्शा में बैठकर 17 मिनट के अंदर स्टूडियो जाने से पहले बनाया था और जब यह गाना लांच हुआ हिमाचल प्रदेश दर्शकों नें नहीं पूरे देश और विदेशों के लोगो ने इसको पसंद किया और आज भी लोग इस गाने को सुनकर नाचने लगते हैं इससे उनको काफी खुशी मिलती है उन्होंने कहा कि वह अपने प्रशंसकों की देखकर गाने बनाते हैं और वह लगातार लोग गानों को पसंद कर रहे है। उन्होंने कहा कि प्रकृति का नियम बदलना है ऐसे में वर्तमान परिपेक्ष को देखते हुए कुछ बदलाव जरूर आए हैं परंतु उन्होंने पहाड़ की संस्कृति को हमेशा संरक्षित करने का काम किया है।