मसूरी। एनजीटी की ओर से मसूरी झील के पानी के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक के बाद अब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने मसूरी के 322 होटल संचालकों को नोटिस भेजना षुरू कर दिया है। नोटिस में होटलों के कमरे, पानी के स्रोत और खपत आदि की जानकारी मांगी है। जिसके बाद तय किया जाएगा कि पानी की उपलब्धता के अनुसार होटल स्वामी कितने कमरो का संचालन कर सकता है। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार एनजीटी के आदेश में बोर्ड और जिलाधिकारी को भी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पता करना है कि जल संस्थान कितना पानी होटलों में उपलब्ध कराया जा रहा है जिसके अनुसार होटलों संचालको को के लिए लिमिट तय की जाएगी कि वह कितने कमरों का संचालन कर सकते हैं। मसूरी ट्रेडर्स एंड वेलफेयर एसोसिएषन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि एनजीटी के द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद मसूरी में पेयजल की भारी किल्लत होने जा रही है उन्होंने कहा कि मसूरी में पहले से ही पानी की बहुत ज्यादा कमी है ऐसे में मसूरी झील का पानी से करीब मसूरी में 50 प्रतिषत पानी की आपूर्ति को पूरा किया जाता ऐसे में मसूरी झील से पानी के टैंकरों के माध्यम से पानी सप्लाई किए जाने पर रोक लगने के बाद लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने एनजीटी और जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जब तक मसूरी यमुना पेयजल योजना पूरी तरीके से शुरू नहीं हो जाती तब तक मसूरी झील से टैंकरों के माध्यम से पानी की आपूर्ति को किया जाने के निर्देश दिए जाए। उन्होंने कहा कि वह एनजीटी के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगे।

मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा कि एनजीटी के फैसले के बाद मसूरी होटल व्यवसायियों की चिंता बढ़ गई है । मसूरी में पेयजल की भारी संकट में ऐस में मसूरी झील से ही मसूरी में पेयजल की आपुर्ति की जाती है। उन्होंने राज्य सरकार से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है और एनजीटीसी से मसूरी होटल में पेयजल आपूर्ति को टैंकरों के माध्यम से किए जाने का आग्रह किया है उन्होंने कहा कि जब तक मसूरी यमुना पेयजल योजना पूर्ण रूप से षुरू नहीं हो जाती तब तक उनको पूर्व की भांति मसूरी झील से पेयजल आपूर्ति करने जाना दिया जाये।उन्होंने कहा कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अभी तक किसी भी होटल को कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है उन्होंने कहा नोटिस मिलने के बाद वह विधिक राय लेंगे जिसके बाद मीटिंग बुलाकर आगे की रणनीति बनाई गई।