मसूरी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिशद द्वारा एमपीजी कालेज के प्राचार्य अनिल सिंह के माध्यम से कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल को ज्ञापन भेजकर इंटरमीडिएट छात्रों को स्नातक में प्रवेश लेने के लिए सेंट्रल यूनिवर्सिटी एंट्रेंस( सीयूईटी) परीक्षा को समाप्त करने की मांग की है। एनएसयूआई के षहर अध्यक्ष नवीन षाह ने बताया कि इंटरमीडिएट परीक्षा देने के बाद छात्रों को स्नातक में प्रवेश लेने के लिए अब सीयूईटी, परीक्षा देनी होगी किंतु एमपीजी कॉलेज मसूरी महाविद्यालय मंें पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है जहा पर 80 प्रतिषत छात्र छात्राएं गांव से आते हैं। पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण गांव के छात्रों को इसके बारे में जानकारी ही नहीं थी जिसकी वजह से वह सीयूईटी परीक्षा फॉर्म नहीं भर पाए सेंटर यूनिवर्सिटी इंटरेस्ट टेस्ट सीयूईटी, फॉर्म ना भरने के कारण इन छात्रों का एक साल का भविष्य खराब हो जाऐगा। उन्होने कहा कि एनएसयूआई ने कुलपति हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल से एमपीजी कॉलेज मसूरी महाविद्यालय में नऐ सत्र 2023-24 में सीयूईटी परीक्षा के आधार पर प्रवेश ना कराएं जाने वह पूर्व की भांति मेरिट के आधार पर प्रवेश दिये जाने की मांग की है। वही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नगर मंत्री अमित पवारी ने कहा कि मसूरी ने एमपीजी कॉलेज में मसूरी मे पहाड़ के दूर दराज से छात्र छात्राएं आती है ऐसे में अगर यूनिवर्सिटी एंट्रेंस परीक्षा सीयूईटी को समाप्त नही किया जाता तो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं द्वारा छात्र छात्राओं के भविष्य के साथ खिलवाड नही होना दिया जायेगा वह इसके विरोध में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मसूरी द्वारा मसूरी एमपीजी कालेज मे ताला बंदी और भूख हड़ताल पर बैठेगी।
सुनील सोनकर
संपादक