उत्तराखंड के जोशीमठ में लगातार हो रहे भूधसाव के कारण करीब 650 मकान आपदा की चपेट में आ चुके हैं बड़ी-बड़ी दरारें पड़ चुकी हैं जिससे लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं वहीं प्रदेश सरकार जोशीमठ को लेकर संवेदनशील नजर आ रही है वही जल्द से जल्द आपदा की चपेट में आए लोग को राहत और विस्थापित किया जा सके वही पहाड़ों की रानी मसूरी में भी सबसे पुराना लंढौर बाजार के भाग में भूधसाव हो रहा है बताया जा रहा है कि पिछले कुछ सालों से लगातार लंढौर बाजार का एक भाग धस रहा है जिस कारण मकानों में दुकानों में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं लोग डर के साए में जीने को मजबूर हैं। मसूरी में लगातार हो रहे हो भू धसाव को लेकर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी द्वारा संबंधित विभागों के साथ स्थलीय निरीक्षण कर भू धसाव के कारणों का पता लगाए जाने के निर्देश दिए वहीं लंढौर क्षेत्र के साउथ रोड के निचले इलाकों में हो रहे अवैध निर्माण और खदान पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। बाजार में रहने वाले लोगों का कहना है कि पिछले काफी समय से क्षेत्र के एक भाग में भू धसाव हो रहा है पानी की निकासी ना होने के कारण भी लोगों के घरों में पानी घुस रहा है वह निचले में हो रहे अवैध खनन और निर्माण के कारण लगातार धरो और दुकानों में दरार आ रही है । उन्होंने कहा कि कई बार संबंधित अधिकारियों को लंढौर क्षेत्र में हो रहे भू धसाव को लेकर शिकायत की है परंतु धरातल पर आज तक कुछ भी नजर नहीं आया ।वही मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण के क्षेत्र के निचले साउथ रोड पर हो रहे अवैध खनन और निर्माण को लेकर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई जिससे अनियोजित विकास क्षेत्र के लिए खतरे का सबब बन गया है उन्होंने कहा कि अगर समय रहते भूधसाव क्षेत्र के बारे में नहीं सोचा गया तो एक बड़ा बड़ी आपदा इस क्षेत्र में आ सकती है जिससे बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।


स्थानीय निवासी पंकज अग्रवाल ने बताया कि 1980 के समय पर लंढौर बाजार के लगातार क्षेत्र को लेकर आईआईटी रुड़की और वाडिया इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों से जांच कराई गई थी उन्हें बताएं कि यह कि लंढौर क्षेत्र में भूधसाव और भूकपं की नजरीये से खतरनाक है और इस क्षेत्र में बड़े वाहनों की आवाजाही ना किये जाने को लेकर कहा गया था परंतु लगातार मसूरी के लंढौर क्षेत्र का एकमात्र रास्ता है यहां से बड़े बड़े वाहन को रोका नही जा सका। उन्होने कहा कि लंढौर क्षेत्र के बाईपस रोड का निर्माण किये जाने को पहाड़ को ब्लास्ट किया गया था जिस वजह से कई पहाड़ हिल गए थे और कई बार इस क्षेत्र में भूस्खलन की बड़ी घटनाएं सामने आई है। और यह मांग की गई थी कि साउथ रोड के नीचले क्षेत्र में किसी प्रकार का खुदान और निर्माण ना हो परंतु ऐसा नहीं हुआ संबंधित विभाग आंख बंद करके बैठे रहे और लोग अनियोजित तरीके से खुदान और निर्माण करते रहे जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है लगातार लंढौर बाजार के क्षेत्र में दरारे बढ़ रही हैं जो एक बडे खतरे का संकेत दे रही है।