पहाड़ों की रानी मसूरी में पार्किंग की समस्या को देखते हुए सरकार द्वारा पर्यटन विभाग से 32 करोड़ की लागत से मसूरी पेट्रोल पंप किक्रं्रेग के पास बहुद्देश्यीय पार्किंग का निर्माण कराया गया था जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा किया गया वह पार्किंग का निर्माण लोक निर्माण विभाग के द्वारा किया गया वह पर्यटन विभाग को संचालित करने के लिए ट्रांसफर की गई जिसके बाद पर्यटन विभाग द्वारा इसका प्राइवेट कम्पनी के साथ कान्ट्रैक्ट किया गया जिसके बाद पार्किग का संचालन करने की कार्यवाही षुरू की गई परंतु पार्किंग संचालित व्यवस्थित तरीके से संचालित नहीं हो पाई। जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा संयुक्त रूप से कई बार पार्किग को संचालित करने का प्रयास किया गया जिसको लेकर मसूरी टैक्सी कार ओनर्स एसोसिएशन पर भी मसूरी के दोनो टैक्सी स्टैंड से सभी टैक्सियों को पार्किग में षिफट करने का दबाव डाला गया परन्तु टैक्सी एसोसिएषन ने प्रषासन और पुलिस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया गया। प्रषासन और पुलिस द्वारा मसूरी में वाहानों का दबाब कम करने को लेकर नये साल के समय पर एकाएक सभी गाड़ियों को पेट्रोल पंप के पास रोककर पार्किंग पर खड़ा कराया गया जिसका स्थानीय लोगों द्वारा विरोध किया गया परंतु इन सब के बावजूद भी पार्किंग संचालित नहीं हो पाई। वही पार्किंग स्थल का करीब चार लाख का बिजली का बिल बकाया था जिसके अवज में पार्किंग संचालन द्वारा मसूरी विद्युत विभाग को ढाई लाख रुपए का चेक दिया गया था जो बाउंस हो गया जिसके बाद विद्युत विभाग द्वारा पर्किग स्थल का विधुत का कनेक्शन काट दिया गया। वही ठेकेदार के द्वारा रखे गए कर्मचारी भी वहां से गायब हो गए। पार्किंग स्थल वर्तमान में बेवारिस की तरह पढ़ा हुआ है ना ही सीसीटीवी कैमरे चल रहे हैं वह पार्किंग फिलहाल बंद कर पडी है। सवाल उठता है कि सरकार द्वारा बिना सोचे समझे जनता की गाढ़ी कमाई के 32 करोड़ लगाकर करीब 232 गाड़ियों के पार्किंग का स्थल बनाया गया था परंतु पार्किंग को संचालन करने के लिए सरकार और ना ही संबंधित अधिकारियों के पास कोई नीति थी जिसका खामियाजा ठेकेदार के साथ मसूरी की जनता को भुगतना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि आखिर इतनी बड़ी पार्किंग को संचालित कैसे किया जाएगा। क्या इसका फायदा मसूरी की जनता और देश विदेश से आने वाले पर्यटकों से भी संपर्क नहीं हो पाया।मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल ने कहा कि सरकार द्वारा 32 करोड का पार्किग के नाम पर हरा हाथी खड़ा कर दिया गया । पार्किंग को संचालित करने के लिए सरकार के पास कोई ठोस नीति नहीं है ।जनता की गाढ़ी कमाई का सदुपयोग नही हो पा रहा है उन्होने कहा कि किक्रेंग पर बनी पार्किग सरकार और संबिधत अधिकारियों को सबसे बडा फेलियर है। उन्होने सरकार और प्रषासन से स्वयं पार्किग को संचालित करने की अपील की है जिससे कि बहुउदेदषीय पार्किंग का लाभ जनता और देश विदेश से आने वाले पर्यटकों को मिल सके।