व्योमकेश दूबे उप सचिव, उत्तराखण्ड शासन ने निदेशक उच्च शिक्षा, उत्तराखण्ड एमपीजी कॉलेज मसूरी के शिक्षकों की नियुक्ति पर रोक लगा दी है। बता दे कि एमपीजी कॉलेज के प्रबंध समिति के अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष अनुज गुप्ता और प्रचार्य अनिल चौहान द्वारा एमपीजी कॉलेज, मसूरी के शैक्षिक कार्मिकों के अनुमोदन आरक्षण रोस्टर में कुछ विसंगतियों का उल्लेख करते हुए, आरक्षण रोस्टर को संशोधित किये जाने का अनुरोध किया गया था ।वर्तमान में आरक्षण रोस्टर से संशोधन किये जाने की कार्यवाही गतिमान है। परन्तु एमपीजी कॉलेज मसूरी के आरक्षण रोस्टर में संशोधन की कार्यवाही गतिमान रहने के दौरान ही एमपीजी कॉलेज, मसूरी द्वारा समाचार पत्रों में रिक्त पदों हेतु विज्ञापन निर्गत कर दिया गया और दूसरी ओर पूर्व रोस्टर के अनुसार ही रिक्त पदों का विज्ञापन किया जाना नियमों के विपरीत है। जिसका संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार द्वारा संशोधित रोस्टर रजिस्टर अनुमोदित किए जाने के पश्चात ही रिक्त पदों हेतु विज्ञापन निर्गत किए जाने के संबंध में नियमानुसार कार्यवाही किए जाने के लिए एमपीजी कॉलेज, मसूरी की प्रबंध समिति को निर्देश दिए गए है। तब तक शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर की जा रही कार्यवाही पर रोक लगा दी गई है।

बता दे एमपीजी कॉलेज के प्रबंध समिति द्वारा शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर जारी किए गए रोस्टर से छेडछाड की गई थी जिसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा विभाग में सबूतों के साथ शिकायत की गई थी जिसकी संज्ञान लेकर मामले की जांच की गई जिसमें एक जनहित याचिका माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में अनिशा कुमारी बनाम उत्तराखण्ड सरकार एवं अन्य दायर की गई थी। जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा पारित अंतरिम आदेश में सचिव उच्च शिक्षा उत्तराखण्ड सरकार द्वारा निर्मित एम.पी.जी. कॉलेज मसूरी के शैक्षिक कार्मिकों का आरक्षण रोस्टर रजिस्टर / पंजिका का ( पालन करते हुए नियुक्ति प्रक्रिया को आरम्भ करने का आदेश दिया गया है। परन्तु वर्तमान सचिव प्रबंध समिति एम.पी.जी. कॉलेज मसूरी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल उत्तराखण्ड में प्रस्तुत शैक्षिक कार्मिक का आरक्षण रोस्टर रजिस्टर / पंजिका में स्वयं आमूलचूल परिवर्तन करते हुए शिक्षकों के पदों का बिना प्रबंधन समिति की बैठक बुलाई और इस सम्बन्ध में कोई प्रस्ताव पारित किए विज्ञापन जारी कर दिया गया है। शिकायत कर्ता ने शिक्षकों की भर्ती को लेकर आशंका जताई कि पदों की नियुक्ति में हेरा फेरी करने, अपने लोगों को समायोजित करने तथा बड़े पैमाने पर भ्रष्ट्राचार करने की कुटिल चेष्टा की जा रही है। उन्होने कहा कि नगर पालिका परिषद के वर्तमान अध्यक्ष और बोर्ड का कार्यकाल जल्द समाप्त होने जा रहा है। इस लिए जल्दबाजी में बिना सरकार की अनुमति के शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया की जा रही है। उन्होने कहा कि वर्तमान स्थिति एम.पी.जी. कॉलेज मसूरी द्वारा माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा पारित अंतरिम आदेश का जानबूझकर उल्लंघन किया गया है।