11वें पंचेन लामा गेदुन चोयकी नीमा के गुम होने की 28वीं सालगिरह के मौके पर मसूरी में तिब्बत समुदाय के लोगों द्वारा मसूरी तिब्बत होम्स हैप्पी बैली से मसूरी के गांधी चौक तक कैंडल लाइट मार्च निकाला. इस मौके पर तिब्बती समुदाय ने पंचेन लामा की रिहाई की मांग करते हुए उनके सकुशल होने के लिए प्रार्थना भी की. इस दौरान तिब्बतन महिला कांग्रेस के नेतृत्व में तिब्बत समुदाय के लोगो ने भी कैंडल मार्च में हिस्सा लिया. तिब्बतन महिला कांग्रेस की सचिव तेनजीन ने बताया कि11वें पंचेन लामा गेदुन चोयकी नीमा का चीन द्वारा 17 मई, 1995 को अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिल पाई थी. 14 मई, 1995 को तिब्बतियों के धर्मगुरु दलाई लामा ने गेधुन चोयकी नीमा को 11वें पंचेन लामा के रूप में मान्यता दी थी. इसके तीन दिन के बाद ही 17 मई, 1995 से छह वर्षीय गेदुन चोयकी नीमा व उनके परिजन रहस्यमयी परिस्थितियों में गायब हैं.
28 मई 1996 तक तो यह भी पता नहीं चल सका कि गेदुन व उसके परिजनों का किसने अपहरण किया, लेकिन जब इस मामले को संयुक्त राष्ट्र की बच्चों के अधिकारों के लिए गठित कमेटी ने उठाया तो पता चला कि चीन ने उसे बंदी बनाया हुआ है. चीन का मानना है कि दलाई लामा द्वारा घोषित पंचेन लामा को लेकर बुद्ध संप्रदाय के लोगों में भारी रोष पनप रहा था, इसी के चलते उन्हें सेना को भेजना पड़ा. इसके बाद से पंचेन लामा व उनके परिजनों के बारे में ऐसी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं हो पाई थी कि वे कहां हैं. इसी बीच 29 नवंबर, 1995 को चीन ने उनके समानांतर ग्यालसन नोरबू को पंचेन लामा घोषित कर दिया. गेदुन चोयकी नीमा अब 34 वर्ष के हो चुके हैं, जबकि उन्हें तिब्बती समुदाय में धर्मगुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर पर सबसे बड़ा गुरु माना जाता है। तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने करीब पांच वर्ष पूर्व कहा था कि 11वें पंचेन लामा जीवित हैं. उन्होने कहा था कि विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक 11वें पंचेन लामा जीवित हैं और सामान्य शिक्षा ले रहे हैं. लेकिन उससे ज्यादा उनके बारे में कुछ भी पता नहीं चल पाया. उन्होने चीन सरकार से मांग की है कि 11वें पंचेन लामा की जीवित होने के प्रमाण के साथ उनकी वर्तमान की तस्वीर सार्वजनिक की जाये। उन्होने की कि उनके पास 11वें पंचेन लामा की एक मात्र तस्वीर है तो वह 6 साल के थे।