म्ससूरी गुरु नानक फिफ्थ सैंटनरी स्कूल में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में 21 जून को योग दिवस का आयोजन किया गया। ।पांचवीं शताब्दी में पतंजलि ने शरीर व मस्तिष्क को स्वस्थ रखने के लिए योग विद्या करना आरंभ किया। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है इसलिए विद्यार्थी जीवन में योग के महत्व को समझना अनिवार्य है। इस अवसर पर विद्यालय में प्रातः काल नियमित व्यायाम के अलावा सभी छात्र-छात्राओं व अध्यापकों ने प्राणायाम व विभिन्न योग क्रियाओं का अभ्यास किया। विद्यालय के प्रधानाचार्य अनिल तिवारी ने योग के महत्व को समझाते हुए कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा की अमूल्य धरोहर है। योग साधना ईश्वर प्राप्ति का बड़ा ही सरल व सुगम माध्यम है। योग जीवन जीने की अनोखी कला है । योग करने से रोग का मूल कारण ही नष्ट हो जाता है। भारतीय संस्कृति में तो योग के माध्यम से ईश्वर प्राप्ति का मार्ग भी प्रशस्त किया है। योग एक प्रकार का जीवन दर्शन है जो मानव के लिए अध्यात्म का द्वार खोल मनुष्य को ईश्वर की ओर ले जाता है। इस अवसर पर विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी सुनील बक्शी, मुख्याध्यापक कुलदीप सिंह त्यागी व सभी शिक्षक गण उपस्थित रहे।
सुनील सोनकर
संपादक