मसूरी हुसैनगंज के पास मसूरी क्लिप कॉटेज में घने जंगल के बीच सभी नियमों को ताक पर रख कर बन रही सड़क की खबर का संज्ञान लेते हुए के मुख्य वन संरक्षक यमुना सर्किल कहकशा नसीम द्वारा लिया गया है उनके द्वारा मसूरी में मसूरी वन विभाग, मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, मसूरी नगर पालिका के अधिकारियों के साथ मसूरी क्लिप कॉटेज में निर्माण की जा रही सड़क का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों का घने जंगल के बीच बनी सडक को लेकर जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि भूस्वामी द्वारा नगर पालिका के नक्शे को लेकर सभी नियमों को तक पर रखकर डीम फारेस्ट में सड़क का निर्माण कर दिया गया है । उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से 2019 में पुराने नक्षे को देखते हुए सडक के जिर्णोउद्वार के लिये अनुमति दी गई थी। पर भू स्वामी द्वारा अनापत्ति का गलत इस्तेमाल करते हुए क्लिफ काटेज स्टेट में पेड को काटा गया था जिसके बाद उनके ही द्वारा डीएफओं मसूरी होते हुए भूस्वामी के खिलाफ वन अधिनियम के तहत कार्यवाही कर जुर्माना वसूला गया था व क्लिफ काटेज स्टेट में सभी पेडो की नम्बरिंग कराई गई थी।
उन्होंने कहा कि हाल में ही भू स्वामी द्वारा एक बार फिर नियमों को ताक पर रखकर सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। उन्होने कहा कि स्थलीय निरीक्षण के दौरान उन्होंने देखा है कि कई हरे भरे पेड़ों को काफी नुकसान पहुंचाया गया है व पहाडों का दोहन कर बड़े-बड़े पूष्तो का भी निर्माण करवाया गया है जिससे साफ है कि सडक का ही निर्माण करवाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र का सर्वेक्षण करने के बाद निर्माा की गई सड़क की नपाई कराई गई है और जल्द रिपोर्ट तैयार कर भू स्वामी के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। वहीं वन विभाग द्वारा मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण और मसूरी नगर पालिका परिषद को पत्र लिखकर भी कार्रवाई करने का आग्रह किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन विभाग द्वारा क्ल्फि कॉटेज स्टेट के भू स्वामी को दी गई अनापत्ति प्रमाण पत्र को भी तत्काल प्रभाव से निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है। और अगर इसके बावजूद भी भू स्वामी द्वारा निर्माण कार्य जारी रखा जाता है तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। पर्यावरणविद ललित मोहन काला ने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों द्वारा क्लिप कॉटेज में नियमों को ताक कर बनाई जा रही सड़क को लेकर कार्यवाही की बात कही गई है ।जिसकी उनके द्वारा शिकायत की गई थी। उन्होंने कहा कि अगर वन विभाग भू स्वामी के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं करता तो वह उच्च न्यायालय की शरण में जाएंगे।