उत्तराखंड की राजनीति में भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अपने वर्तमान विधायकों को टिकट देने को लेकर बड़ा फेरबदल कर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचाने के मूड में नजर आ रहा है।
जानकारी के अनुसार उत्तराखंड में आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के 30 फीसदी मौजूदा विधायकों के टिकट कट सकते हैं। जानकारी कहती हैं कि अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने वाले सभी विधायक इसकी जद में आएंगे। भाजपा हाईकमान इसी फार्मूले पर आगे बढ़ रहा है। भाजपा पार्टी नेताओं का मानना है कि अच्छा प्रदर्शन न कर पाने वाले विधायकों के टिकट काटकर एंटी इनकंबेसी को भी कम किया जा सकता है।
आपको बात दें उत्तराखंड में पिछले विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की बदौलत भाजपा को 70 में से 57 सीटें मिली थीं। सियासी जानकारों का मानना है कि तब खुद भाजपा के रणनीतिकारों को ये यकीन नहीं था कि राज्य में विपक्ष का लगभग सुपाड़ा सफाया ही हो जाएगा। चूंकि इस बार प्रदेश में परिस्थितियां बदली हुई हैं तो ऐसे में भाजपा का शीर्ष नेतृत्व भी अपनी रणनीति में फेरबदल करने के मूड में नजर आ रहा है।
भाजपा से जुड़े अपने विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने वाले विधायकों का इस बार विधानसभा चुनाव में पत्ता साफ हो सकता है। माना जा रहा है इस दायरे में सबसे ज्यादा पर्वतीय क्षेत्रों के विधायक आ रहे हैं। तो कुछ विधायक मैदानी क्षेत्र के भी हैं जो जनता की अपेक्षा के अनुसार विकास कार्य करने में विफल साबित हुए हैं।
वही पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष पिछले दिनों इसे लेकर कुछ सिटिंग विधायकों को आगाह भी कर चुके हैं। इसके साथ ही विधायकों से लेकर पदाधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा वक्त क्षेत्रों में प्रवास करने की हिदायत दी गई है, जिससे उनका जनता से संवाद बना रहे।