लखवाड़ जल बांध परियोजना के तहत जलागम उपचार योजना (कैट प्लान योजना) के तहत मसूरी वन प्रभाग ने एचएआरसी संस्थान, नौगांव में दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी, आशुतोष सिंह ने बताया है कि यह मूल रूप से बेमौसमी सब्जियों और उसके विपणन पर एक प्रशिक्षण था। जिसमें प्रशिक्षक राकेश कुमार द्वारा डायरेक्ट मार्केट के बारे में बताया गया जिससे कि किसान एजेंट विचौलियों आदि से बच सके और अपने उत्पाद को डायरेक्ट मार्केट में बेच सके और बेहतर मुनाफा कमा सके। इसके अतिरिक्त मृदा स्वास्थ्य कीट नियंत्रण, यांत्रिक साधनों, जैविक खेती आदि के संबंध में बताया गया। अपशिष्ट बायोमास, हरे अपशिष्ट बायोमास मिश्रण का ताजा गाय के गोबर से खाद में बदलने के लिए शिवांश तकनीक के बारे में भी किसानों को बताया गया।


अंत में इस वन प्रभाग की कैम्पटी, भद्रीगाड तथा देवसारी रेंज के 25 किसानों के बैच को 4-4 उच्च किस्म के सेब के पौधे उपहार में दिए जाएंगे। उक्त प्रशिक्षण किसानों को सक्षम बनाने एवं दोगुनी आय अर्जित करने में लाभकारी सिद्ध होगा। उक्त प्रशिक्षण में देवन खैराड आदि गांवों के किसानों के साथ राजेश कश्यप, परियोजना सहायक, कैट प्लान परियोजना, मसूरी वन प्रभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल थे।