पहाडों की रानी मसूरी में विभिन्न मस्जिदों में नमाज अता कर देश की खुशहाली तरक्की शांति व भाईचारा के लिए दुआ मांगी जा रही है। ईद के पर्व में सुरक्षा को लेकर सभी मस्जिदों के बाहर पुलिस तैनात किये गए थे। छोटे से लेकर बड़ों ने एक दूजे को गले लगाकर मुबारकबाद दी।रमजान के 30 रोजे के बाद ईद-उल- फितर ( मीठी ईद) मनाई गई। है। सुबह से ही मसूरी के विभिन्न मस्जिदों में नमाज अता कर देश की खुशहाली, तरक्की, शांति व भाईचारा के लिए दुआ मांगी जा रही है। छोटे से लेकर बड़ों ने एक दूजे को गले लगाकर मुबारकबाद दी। मुस्लिम समाज के लोगों ने कहा कि इस्लाम सलामती व मोहब्बत का मजहब है, नफरत का नहीं कि किसी के साथ नफरत की जाए। ईद खुदा का इनाम है। ईद पर सभी गले शिकवे मिटाकर दोस्तों व अपनों की तरह सभी को गले लगाना चाहिए।
सुनील सोनकर
संपादक