मसूरी नगर पालिका परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर समय-समय पर शिकायतें शासन और प्रशासनिक स्तर पर होती रही है इसी परिप्रेक्ष्य में मसूरी के आरटीआई एक्टिविस्ट राकेश अग्रवाल की मसूरी नगर पालिका परिषद में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन को लेकर जिलाधिकारी देहरादून से की गई शिकायत की गई थी जिसका संज्ञान लेते हुए जिलाधिकारी द्वारा एसडीम मसूरी नंदन कुमार और मसूरी उपकोषाधिकारी सुरेंद्र दत्त थपलियाल को लेकर दो सदस्य टीम गठित की गई थी। जांच कमेटी द्वारा मसूरी नगर पालिका परिशद में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन को लेकर की गई जांच में पाया कि मसूरी नगर पालिका परिषद के अधिकारियों द्वारा 5 करोड़ 70 लाख के कार्यों के टेंडर को लेकर बड़ा घोटाला और भ्रष्टाचार किया है इसमें पूरी कार्य में भारी अनिमित्ताएं निकलकर सामने आई है एसडीएम मसूरी द्वारा तत्काल सभी टेंडरों और कोटेशन को निरस्त कर पालिका के अधिकारियों पर अनुषात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है। मामले में शासन ने शहरी विकास निदेशालय को विस्तृत जानकारी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है।
समिति ने जांच में पाया कि जो भी टेंडर निकाले गए, उनकी ड्राइंग तैयार नहीं की गई। जब मौके पर जांच हुई तो कागजों में जितना माप दिखाया गया है, उससे कम निकला। समिति ने यह भी पाया कि नगर पालिका परिषद की बोर्ड बैठक में गैर जरूरी व पूर्व में पूरे किए जा चुके कार्यों के प्रस्ताव रखे गए हैं।समिति ने सभी टेंडर व कोटेशन तत्काल निरस्त करने के साथ ही पूर्व में पूर्ण कार्यों की माप पुस्तिका की जांच के साथ ही पालिका के अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है। जांच में जिन आमंत्रित टेंडर में से अधिकांश निर्माण या मरम्मत के काम पूर्व में ही ठेकेदारों ने पूरे कर दिए जबकि टेंडर किसी भी निविदाकर्ता के पक्ष में नहीं खोला गया। निविदा दाताओं के आगणन में भी गलतियां की गईं। जिससे सरकारी धन के दुरुपयोग की चेष्टा की गई वह एमडीडीए की एनओसी लिए बिना ही कुछ कार्यों के टेंडर जारी कर दिए गए।नगर पालिका मसूरी ने 25 कोटेशन में से 24 के ही निर्माण, मरम्मत की अनुमति ली। सभी काम बिना वर्क ऑर्डर कर दिये गए। वही जांच कमेटी द्वारा नगर पालिका मसूरी ने करीब 5 करोड़ 70 लाख के टेंडर को लेकर विस्तिृत रिपोर्ट मांगी गई तो उसकों लेकर पालिका प्रषासन द्वारा जांच समिति को गुमराह करने के लिये गलत तथ्य पेश किए गए। मसूरी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता राकेश अग्रवाल न बताया कि उनके द्वारा मसूरी नगर पालिका परिषद में विभिन्न कार्यों के टेंडर व कोटेशन को लेकर जिलाधिकारी से एक शिकायत कर पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता और अधिकारियों पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।