अखिल भारतीय सफाई मजदूर संघ की मसूरी शाखा द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार को मसूरी छावनी परिषद मे शाल ओर पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया । इस मौके पर संघ द्वारा राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग की उपाध्यक्ष अंजना पवार 4 सूत्रीय मांग पत्र दिया जिसमें शहरी विकास विभाग उत्तराखण्ड शासन द्वारा वर्ष 2015 में प्रदेश के नगर पि परिषदों में पालिका केन्द्रीयित सेवा / पालिका अकेन्द्रीयित पदों में संरचनांचे का पुनर्गठन कर नगर पालिकाओं और नगर निगमों में लागू किया गया था। उन्होंने बताया कि संरचनात्मक ढांचे के अन्तर्गत केन्द्रीय सेवा के पर्यावरण पर्यवेक्षक की पालिका अकेन्द्रीयित सेवा की तैनाती सीधी भर्ती के माध्यम से करने का प्रावधान है। पूर्व में तैनात पर्यावरण मित्र के वरिष्ठता के आधार पर पर्यावरण पर्यवेक्षक की पदोन्नति की जाती थी। जो अब समाप्त कर दी गई है ऐसे में उन्होने मांग की है कि र्प्यावरण मित्रो के वरिष्ठता के आधर पर पर्यवरण मित्रों की पदोन्नति करने के लिये संरचनान्तमा ढाचें में प्रावधान करने के लिये सम्बन्धित को निर्देशित करे।
उन्होने कहा कि मौहल्ला स्वच्छता समिति का शासन द्वारा 2000 में घर-घर कूड़ा उठान के लिये तैनात किया गया था किन्तु मौहल्ला स्वच्छता समिति में तैनात कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा के अन्तर्गत कर दिया गया है जिससे वर्तमान में शासन द्वारा जारी शासनादेश के अन्तर्गत मानदेय 15 हजार रूप्ये प्रति माह का लाभ स्वच्छता समिति को नहीं मिल रहा है। उन्होने मांग की है कि स्वच्छता समिति में तैनात कर्मचारियों को ठेकेदारी प्रथा से हटाते हुये नगरपालिका के अन्तर्गत तैनात करने एवं शासन से जारी मानदेय का लाभ दिलवाया जाये। उन्होने बताया कि संरचनात्मक ढांचे के अन्तर्गत नगरपालिका परिषद, मसूरी में कुल 61 पर्यावरण मित्र तैनात है जबकि पूर्व में पालिका में 157 पद पर्यावरण मित्रों हेतु आरक्षित थे। नगर पालिका परिषद, मसूरी कुल जनसंख्या 2011 के अनुसार 30 हजार थी तथा प्रतिवर्ष पर्यटन सीजन में लगभग 35 लाख से अधिक पर्यटक मसूरी भ्रमण के लिये आते हैं। ऐसे में पूर्व पालिका ढांचे के अन्तर्गत 157 पद संरचनात्मक ढांचे के अन्तर्गत करने की मांग की गई।नगरपालिका परिषद मसूरी सीमान्तर्गत हेतु स्वच्छता कर्मचारियों के लिये दो-दो कमरों का फ्लैट बनाने की मांग की गई और कर्मचारियों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने की