हिमाचल और उत्तराखंड में अत्यधिक बारिश के कारण आई आपदा का असर अब लोगों के व्यवसाय पर भी पढ़ता हुआ नजर आ रहा है मसूरी जैसे पर्यटक स्थल में पर्यटकों की संख्या ना के बराबर हो गई है जिसे मसूरी के होटल रेस्टोरेंट और दुकानदारों को आर्थिक रूप से भारी नुकसान हो रहा है वहीं मसूरी में होटल रेस्टोरेंट और दुकान के स्वामियों को अपने व्यवसाय संचालित करने में दिक्कत आ रही है जिसको लेकर मसूरी होटल एसोसिएशन द्वारा मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेज कर मसूरी में आपदा घोषित किए जाने की मांग की गई है मसूरी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, सचिव अजय भार्गव और उत्तराखंड होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप साहनी ने बताया कि हिमाचल और उत्तराखंड में हुई भारी बारिष के बाद आई आपदा के बाद पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बहुत कम हो गई है जिससे सभी लोगों को आर्थिक रूप से नुकसान हो रहा है उन्होंने बताया कि मसूरी में अप्रैल मई में माल रोड के पुनर्निर्माण और सौंदर्य करण के काम के कारण पर्यटक सीजन प्रभावित रहा वहीं जून जुलाई में अत्यधिक बारिश होने के कारण हिमाचल और उत्तराखंड में कई जगह पर आई आपदा का सीधा असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है जिससे पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से ठप हो चुका है उन्होंने बताया एक तरफं आने वाले कई महीनों तक शून्य व्यावसायिक स्थितियों की कठिन संभावना का सामना करना पड़ रहा है और दूसरी तरफ संपत्तियों के दैनिक रखरखाव/खर्चों और हमारे कर्मचारियों के भरण-पोषण की चिंता भी है। उन्होने बताया कि पानी के बिल, बिजली के बिल, सीवरेज के बिल, हाउस टैक्स बिल और अन्य खर्च जैसे ऋण पर ब्याज, कर्मचारियों के वेतन, पीएफ और ईएसआई की देनदारी भी उनके उपर है जिससे वह काफी परेषान है। उन्होने मुख्यमंत्री से मसूरी में आपदा घोशित कर 6 माह की राहत देने की माग कर पेयजल, बिजली सीवर शुल्क हाउस टैक्स शुल्क बैंक ऋण ब्याज, ऋण पुनर्भुगतान और अतिरिक्त आसान ऋण पर छूट, कर्मचारियों के वेतन, ईएसआईसी और पीएफ वार्षिक लाइसेंस नवीनीकरण के लिये मदद की गुहार लगाई है। अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने बताया कि इस वर्ष पर्यटन सीजन में व्यापारियों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। माल रोड के सौंदर्यीकरण को लेकर भी पर्यटकों में गलत संदेश गया है साथ ही हिमाचल प्रदेश में आई आपदा का असर उत्तराखंड में भी देखने को मिल रहा है उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित कर मसूरी में आपदा घोषित करने की मांग के साथ पर्यटन उद्योग को बचाने के लिए उनकी मदद करने की मांग भी की है।
सुनील सोनकर
संपादक