मसूरी युवा लेखक शुभ बिश्नोई की पुस्तक ग्रेसियस जेस्चर का राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने लोकार्पण किया। छोटी समाजिक कहानियों पर आधारित पुस्तक ग्रेसियस जेस्चर में 11 अलग अलग कहानियां है जिसमें पलायन, संयुक्त परिवार, एकल परिवार, एकल अभिभावक, ओल्ड ऐज होम, पोस्ट मास्टर आदि है जिसमें लेखक ने सच्ची कहानी को चित्रित करने का प्रयास किया है। राज्य सभा सांसद नरेश बंसल ने कहा छोटी उम्र में शुभ विश्नोई लेखन का कार्य शुरू करके अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है जो कि युवाओं के लिए प्रेरणा है।
राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि शुभ बिश्नोई ने समाज में होने वाली दैनिक घटनाओं अपनी कहानियों के माध्यम से बेहतर तरीके से चित्रित कर समाज हित में होने वाले कामों के बारे में बताया गया है। उन्होंने बताया कि जो बुनियादी चीजों जिससे समाज को लाभ मिल सकता है उन्होने कहा कि षुभ विष्नोई का पहला प्रयास है जो काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक को पढ़ने के बाद हर एक पाठक को लगेगा कि समाज में इस प्रकार की घटनाएं आम है लेकिन ऐसी घटनाओं से निराश होने की बजाय उनमें बेहतरी के लिए क्या किया जा सकता है जिससे अच्छा समाज निर्मित हो और एक दूसरे के साथ प्रेम और प्यार बडे ऐसे सभी संदेश इस किताब से मिलते हैं।
पूर्व पालिका अध्यक्ष मनमोहन सिंह मल ने कहा कि शुभ विश्नोई ने अपने अंतरात्मा से इस किताब को लिखा है जिसके लिए वह उनको शुभकामनाएं देते हैं उन्होंने कहा कि मसूरी में लेखकों की कड़ी में लगातार इजाफा हो रहा है जहां पूर्व में पत्रकार अनमोल जैन द्वारा मसूरी पर आधारित किताब लिखी गई वहीं अब युवा लेखक शुभ विश्नोई द्वारा आम जीवन पर आधारित 11 कहानी लिखी गई है जिसमें समाज हित में विभिन्न प्रकार के संदेश देने का काम किया गया है ।
लेखक शुभ बिश्नोई ने अपनी किताब ग्रेसियस जेस्चर को अपने परिवार व परिजनों को समर्पित किया है उन्होंने कहा कि उनकी किताब में 11 कहानी है जिसमें पलायन, संयुक्त परिवार, एकल परिवार, एकल अभिभावक, ओल्ड ऐस होम, पोस्ट मास्टर आदि कहानिया है जिसमें समाज में जुड़ी समस्याओं को सरलता से रखने का प्रयास किया गया है।उन्होंने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य है कि जब उनकी कहानी युवा पड़े तो समझ में आए की हमारे देश और समाज को किन चीजों की जरूरत है और किस तरीके से बेहतर व्यक्ति बनाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी किताब में महत्वपूर्ण विषय हैप्पीनेस खुशी है उन्होंने कहा कि आजकल का युवा डिप्रेशन में नशे की ओर बढ़ रहा है जिनके लिए काम करने की आवश्यकता है वही स्ट्रगल फॉर एजुकेशन की कहानी में शिक्षा को महत्व दिया गया है न उत्तराखंड के पलायन पर आधारित एक कहानी को लिखा गया जिसमें रिवर्स पलायन के बारे में बताया गया है वह पिछले 8 वर्षों से उनकी समाजिक संस्था रोबस्ट का संचालन कर रहे हैं जिसके बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है । संस्था के द्वारा हर साल समाजिक कार्य करने वाले लोगो को हॉनरेरी अवार्ड से सम्मानित किया जाता हैजिनको उनके क्षरा अपनी किताब में भी जगह दी गई है । उन्होंने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि माता-पिता से ऊपर देश और समाज है जिसके लिए सभी को इसके विकास के लिए संयुक्त रूप् से काम करना चाहिए।वहीं प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने कार्यक्रम ने वर्चुअल से संदेश दिया। इस मौके पर बाल विकास अधिकारी निकिता सिंह, पूर्व पालिकाध्यक्ष मनमोहन मल्ल, मुकेश लाल, भारत भूषण, राकेश अग्रवाल, संजय बिश्नोई, रजत अग्रवाल, गीता कुमाई, सतीश ढौडियाल, नरेंद्र पडियार, जगजीत कुकरेजा, डा अर्चना त्रिपाठी, संदीप साहनी, रजत कपूर, डा. अंतिम विश्नोई, शगुन विश्नोई, सार्थक रौतेला, श्रेयश शुक्ला सहित बड़ी संख्या में साहित्य प्रेमी मौजूद रहे।