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मसूरी वन विभाग द्वारा लखवाड़ जल विद्युत परियोजना कैट प्लान के तहत ग्रामीणों के स्वरोजगार एवं आजीविका संवर्धन के लिए सामग्री वितरण की गई। मसूरी वन विभाग में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डाक्टर विनय भार्गव वन संरक्षण यमुना सर्कल द्वारा दीप प्रचलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया इस मौके पर मसूरी डीएफओ वैभव कुमार द्वारा मुख्य अतिथि का पुष्पगुच्छ भेंट करके स्वागत किया । इस मौके पर द हंस फाउडेंषन और वन विभाग द्वारा लखवाड़ जल विद्युत परियोजना से प्रभावित हुए लोगों को इंडक्शन, सिलाई मशीन कारपेंटर कीट, लोहार कीट के साथ अन्य मशीन वितरण की गई वितरित की गइ। इस मौके पर हंस फाउंडेशन एवं मसूरी वन विभाग के मध्य वन अग्नि संरक्षण के लिए संयुक्त रूप से काम किए जाने को लेकर एमओयू साइन किया गया वही मसूरी वन विभाग एवं हंस फाउंडेशन की संयुक्त पहल के तहत वन अग्नि ऐप भी लॉन्च किया गया जिससे वन अग्नि की रोकथाम के लिए काफी लाभदायक माना जा रहा है। कार्यक्रम में कठपुतली के माध्यम से रामलाल द्वारा वन संरक्षण और वन जीव संघर्ष की रोकथाम के लिए जागरूकता अभियान चलाया गया।
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मुख्य वन संरक्षक यमुना सर्कल डाक्टर विनय भार्गव ने कहा कि लखवाड़ जल विद्युत परियोजना सेे प्रभावित ग्रामीणों को स्वरोजगार एवं आजीविका संवर्धन से जोड़ने के लिए कैट प्लान के तहत करीब 55 लोगों से अधिक ग्रामीणों को किट वितरित किए गये ताकि वे अपना रोजगार कर सकें। उन्होंने कहा कि द हंस फाउंडेशन द्वारा वन प्रभाग मसूरी द्वारा वन अग्नि के रोकथाम और बचाव को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम किया जा रहे हैं जिससे जन सहभागिता के माध्यम से वन अग्नि को रोका जा सके वह वन अग्नि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके व लोगों और जीव जन्तु को बचाया जा सके। उन्होंने कहा कि रामलाल द्वारा बहुत ही अच्छे तरीके से कठपुतली के माध्यम से वन अग्नि के रोकथाम और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए लोगो का जागरूक किया गया है और ऐसे जागरूकता अभियान पूरे प्रदेश में चलाये जायेगें। उन्होंने कहा कि आगामी गर्मी सीजन में वन अग्नि के रोकथाम और उसके बचाव को लेकर वन विभाग द्वारा विभिन्न माध्यमों से लगातार प्रयास किया जा रहे हैं। वन विभाग का मुख्य उद्देश्य होता है कि किसी प्रकार की जनहानि और उससे होने वाले नुकसान को कम किया जाये जिसको लेकर स्थानीय स्तर फायर वाचर को संवेदनशील वन अग्नि के इलाके में पहले से ही तैनात किया जाएगा जिससे की वन अग्नि होने पर तत्काल ही कार्रवाई शुरू की जाए और वन अग्नि से होने वाले नुकसान को कम किया जा सके।
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मसूरी वन विभाग मसूरी डीएफओ वैभव कुमार ने कहा कि विगत 2 माह से लोगों को वन अग्नि के रोकथाम और बचाव को लेकर प्रशिक्षण कार्यक्रम हंस फाउंडेशन और वन विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से चलाया जा रहा है जिसके तहत लगभग 500 ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया गया है। मसूरी वन विभाग द्वारा लोगों को इंफॉर्मेशन शेयरिंग सिस्टम से जोड़ने के लिए वन अग्नि ऐप लॉन्च किया गया है। उन्होने कहा कि फायर फायटरों को ऐप से जोड़ा जा रहा है। एफएसआई से सेटेलाइट के माध्यम से वन अग्नि की सूचना मिलती है जिसकी सूचना ग्रामीणों को ऐप के माध्यम से तत्काल मिलेगी जिससे फायर फाइटर तत्काल वन अग्नि के रोकथाम के लिये कार्य करना शुरू कर देगे। उन्होंने बताया कि वन विभाग के द्वारा ग्रामीणों को ही वन अग्नि के लिये वॉलंटरी फायर फाइटर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि हंस फाउंडेशन द्वारा वॉलंटरी फायरफाइटर को वन अग्नि की रोकाम के लिये विभिन्न प्रकार के फायर फाइटिंग उपकरण उपलब्ध कराये गए है और उन लोगों का ग्रुप इंश्योरेंस भी हंस फाउंडेशन द्वारा कराया गया है । द हंस फाउंडेशन की ब्लॉक मैनेजर अनुपमा सिंह ने कहा कि हंस फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड के 10 व्लाक में पर ग्रामीणों को वन अग्नि की रोकथाम और उसके बचाव को लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है साथ ही उन्हें उपकरण भी प्रदान किया जा रहे हैं। इस मौके पर एसडीओ डॉ उदय गौड़, एसडीओ दिनेश नौटियाल सहित कई अधिकारी मौजूद थे।