मसूरी नगर पालिका परिषद कचरा प्रबंधन की दिशा में नगर पालिका प्रशासन द्वारा रेसिटी के माध्यम से डिजिटल ऐप तैयार किया गया है जो शहर के कचरा प्रबंधन की दिशा में डिजिटल निगरानी करेगा। वेस्ट इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के माध्यम से शहर में कितना टन कूड़ा उत्पन्न होने का वास्तविक रिकॉर्ड और डाटा प्रदान करेगा। रिसिटी नेटवर्क मसूरी में नेस्ले इंडिया के प्रोजेक्ट और स्त्री मुक्ति संगठन इस परियोजना में सहयोग कर रहे है। हिलदारी के प्रोजेक्ट मैनेजर अरविंद शुक्ला द्वारा बताया गया कि रेसिटी का वेस्ट इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म के तहत कचरा प्रबंधन के शुरू से अंत तक के चक्र को संभालने में सक्षम है। उन्होने बताया कि डिजीटल ऐप के माध्यम से इस मसूरी शहर के प्रत्येक घरेलू एवं व्यावसायिक संपत्ति में मेटल क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं। साथ ही साथ भी रिसिटी के सदस्यों द्वारा कचरा प्रबंधन की दिशा में लगे पर्यावरण मित्रों को मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए मोबाइल वितरण के साथ प्रशिक्षण देकर सशक्त किया गया है प्रत्येक घर से गिला एवं सूखा कचरा एकत्र करके पर्यावरण मित्रों द्वारा बने वोक्स में रखा जाता है। वही एप्लिकेशन के माध्यम से पर्यावरण मित्र की उपस्थिति एवं कहा कहा से कचरे को एकत्र किया गया है इसकी सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी। कचरा एकत्रित होने के बाद कचरे को डीडब्ल्यूसीसी (दैनिक कचरा संग्रहण केंद्र) तक पहुंचा जाता है डीडब्ल्यूसीसी में एकत्र किए गए अलग-अलग कचरे की मात्रा का आकलन एप्लिकेशन द्वारा किया जाता है और रिसाइकल को बेचे जाने वाले सूखे कचरे की मात्रा को अपडेट किया जाता है। ।भारत सरकार के स्वच्छता अभियान मिशन के हिस्से के रूप में, लैंडफिल में जाने वाले मिश्रित कचरे को नियंत्रित करने में सफलता मिलेगा।
सुनील सोनकर
संपादक