उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच द्वारा देहरादून शहीद स्मारक पर राज्य आंदोलनकारियों के चिन्हीकरण के शासनादेशों की प्रतियां जलाकर जिला प्रशासन के खिलाफ अपना रोष प्रकट किया।राज्य आंदोलनकारी मंच के सलाहकार ओमी उनियाल व प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण का जो शासनादेश जारी हुआ था परन्तु आज तक देहरादून से लेकर किसी भी जिले में एक भी चिन्हीकरण नही हुआ है। आखिर इस शासनादेश का क्या फायदा क्या केवल चुनाव तक टालने की प्रक्रिया तो नहीं। जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व महासचिव रामलाल खंडूड़ी ने कहा कि 10-वर्षाे में यह पहली बार है कि जिला प्रशासन द्वारा राज्य आन्दोलनकारियों के चिन्हीकरण की व्यवस्था को बहुत हल्के में लिया जा रहा है। प्रमुख सचिव रहे सुभाष कुमार द्वारा अभिसूचना इकाई को खुली जांच व वरिष्ठ राज्य आन्दोलनकारियों की कमेटी को अधिकृत किया गया था जिससे काफी लोग चिन्हित हुए परन्तु अब जिलाधिकारी महोदय को संज्ञान लेना चाहिऐ कि क्या कारण है कि 05-मिटिंग के बाद भी आज तक कोई एक नाम की सूची जारी नहीं की गई।पूरण सिंह लिंगवाल व मुन्नी खंडूड़ी ने कहा कि यदि सरकार व शासन द्वारा जल्द ही इसका निस्तारण नहीं किया गया तो माननीय मुख्यमन्त्री के यहां धरने पर बैठने को मजबूर होना पड़ेगा।इस मौके पर ओमी उनियाल, मुन्नी खंडूड़ी, जगमोहन सिंह नेगी, रामलाल खंडूड़ी, पूरण सिंह नेगी, सुरेश नेगी, बिशम्बर दत्त बोन्ठियाल, उर्मिला शर्मा, मोहन सिंह रावत, गणेश डंगवाल, प्रदीप कुकरेती, सतेन्द्र नोगाई, सुरेश कुमार, सुमन भण्डारी, संगीता रावत, देवेश्वरी रावत, प्रभात डण्डरियाल, साबी नेगी, पुष्पा बहुगुणा, शंकर सिंह कन्याल , सुशील चमोली, सुमति पडियार, कमला खंतवाल, पुष्पा बहुगुणा, आशा बहुगुणा आदि मौजूद थे।
सुनील सोनकर
संपादक