पहाड़ों की रानी मसूरी में महिला कांग्रेस ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष जसबीर कौर के नेतृत्व में मसूरी के होटल के सभागार में हरियाली तीज का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान तीज विभिन्न प्रतियोगिता के साथ तीज क्वीन प्रतियोगिता आयोजित की गई। जसबीर कौर ने देष और प्रदेश वासियों को हरियाली तीज की बधाई देते हुए कहा कि आज महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों से आगे निकल रही हैं। राजनीति, विज्ञान, तकनीक सभी क्षेत्रों में महिलाओं ने अलग मुकाम हासिल किया है।
उत्तराखंड राज्य आंदोलन में भी महिलाओं की भूमिका अग्रणी रही है। इस दौरान महिला कार्यकर्ताओं द्वारा तीज गायन और लोक सांस्कृतिक नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी गई जिसने मौजूद श्रौताओं के मन को मोह लिया। जसबीर कौर ने बताया कि हरियाली तीज के दिन युवतियां और बच्चे सज-धजकर हरे रंग के परंपरागत परिधान धारण करती हैं. इस मौके पर सुहागिनें हाथों में मेहंदी लगाती हैं और हरियाणा के परंपरागत व्यंजन गुलगुले, सौहाली, खीर, हलवा, चूरमा आदि बनाकर सामूहिक रूप से भोज के रूप में इसे ग्रहण करती हैं. महिलाएं इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती से दुनिया में शांति, सुख, समृद्धि के लिए प्रार्थना करती हैं.
कार्यक्रम में हिस्सा ले रही महिलाओं ने बताया कि आज तीज के त्यौहार पर वे अपने घर-परिवार, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर मना रहे हैं. इस त्यौहार को हरियाली तीज और परिवार मिलन समारोह के रूप में मना रहे हैं। उन्होने कहा कि श्रावण महीने में हरियाली तीज का त्योहार बरसात के बाद खिले हुए हरे-भरा पर्यावरण का प्रतीक भी है. हरियाली तीज के दिन सुहागिन महिलाएं दिन भर व्रत-उपवास रखती हैं. इस त्योहार जुड़ी हुई एक मान्यता भी है कि माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए पूरे तन-मन से करीब 108 सालों तक घोर तपस्या की थी और फिर पार्वती के इस तप से खुश होकर भगवान शिव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया. जिसके बाद यह तीज पार्वती को समर्पित है, जिन्हें तीज माता कहा जाता है.इस त्योहार के मौके पर शादीशुदा औरतें स्वयं का पति के प्रति समर्पण भाव जाहिर करती हैं. इसी दिन वे सोलह श्रृंगार करती हैं, जिसमें हरी साड़ी और हरी चूड़यिों का विशेष महत्व होता है. स्त्रियां दिन भर तीज के गीत गाती हैं और नाचती हैं. हरियाली तीज पर झूला झूलने का भी परंपरा हैं. स्त्रियां अपनी सहेलियों के साथ झूला झूलती हैं।