मसूरी विंटर लाइन कार्निवल के चौथे दिन ठंड के बावजूद पलाश सेन के यूफोरिया बैंड ने समा बांधा है इस मौके पर पलाश सेन और उनकी टीम द्वारा 90 के दशक और वर्तमान के कई गाने नये अंदाज में गाए गए जिसने सभी को नाचने पर मजबूर कर दिया। पलाश सेन ने कई गाने में मसूरी के हसीन वादियों का फूजन डालकर सभी मौजूद श्रोताओं को नाचने पर मजबूर कर दिया इस मौके पर पलाश सेन ने कई अंग्रेजी गाने भी गाए। चौथी शाम को बतौर मुख्य अतिथि पहुंची मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पत्नी गीता धामी ने भी अपने परिवार के साथ कार्यक्रम का लुफ्त उठाया। इस मौके पर जिलाधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को मोमेंटो देकर स्वागत किया गया वहीं गीता धामी ने पलाश सेन को मोमेंटो देकर सम्मानित किया। गीता धामी ने कहा कि कार्निवाल जैसे कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देने में मील का पत्थर साबित होंगी। जिलाधिकारी सोनिका सिंह ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन सरकार के सहयोग से मसूरी में विंटर लाइन कार्निवल का आयोजन करता है यह कार्यक्रम पिछले 10 साल से कराया जा रहा है जिसमें भारी संख्या में लोग प्रतिभाग करते हैं।
उन्होंने कहा कि स्थानीय संस्कृति के साथ स्थानीय लोगों को भी कार्निवल में मंच दिया जाता है जिससे कि वह अपने हुनर को प्रदर्शित कर सके। इस बार कार्निवल में देखा गया है कि लघु उद्योग से लेकर लोगों ने पारंपरिक संस्कृति से जुड़े कई कार्यक्रम दिये है जिसको सभी लोग ने खूब सहराया है। वहीं सीआरपीएफ और आइटीबीपी के द्वारा भी अपने अपने स्तर कार्निवल में प्रतिभाग कर बैंड प्रदर्शित किया गया है सीआरपीएफ के द्वारा पहली बार प्रदर्शनी लगाई गई है जो कार्निवाल का केंद्र बिंदु बनकर उभरा है जिसमें सीआरपीएफ ने अपने अपने विभिन्न हथियार के साथ उनके द्वारा नक्सलवाद क्षेत्र में किए जा रहे काम और देश की सुरक्षा को लेकर स्थानीय और पर्यटकों को बताया गया है वहीं नए युवाओं को भी सीआरपीएफ और आइटीबीपी में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया है ।
बता दे कि 90 के दशक के गाने आज भी लोगों की जुबान पर चढ़ें रहते हैं। उस समय एक बैंड ने दस्तक दी थी, जिसका नाम था । डाॉ. पलाश सेन यूफोरिया बैंड लेकर आए थे। इस बैंड के गाने धूम पिचक धूम, कभी आना तू मेरी गली, माएरी, आज भी लोगों की प्लेलिस्ट में शामिल होते हैं। आज भी इन गानों के दर्शक बेहद पसंद करते हैं। ऐसे में इस रिपोर्ट में आपको बताते हैं तुम हो मेरी मैं तुम्हारा, छोटा सा संसार हमारा, आगे जाने राम क्या होगा…श् ये यूफोरिया का पहला गाना था। जिसे धुम पिचक धुम नाम दिया गया था। इस गाने को खूब पसंद किया गया था। पलाश सेन के गानों की खासियत हुआ करती थी कि वो छोटी-छोटी गलियों में इन्हें शूट करते थे।