एसएसपी टिहरी श्रीमती तृप्ति भट्ट के दिशा-निर्देशन में महिला सशक्तिकरण के तहत महिला हेल्पलाइन, नई टिहरी के सौजन्य से जनपद में आयोजित किए जा रहे आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के क्रम में थाना मुनिकीरेती पुलिस द्वारा भी पांच दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रारंभ किया गया। कमल मोहन भंडारी, प्रभारी निरीक्षक, मुनी की रेती की देखरेख में प्रशिक्षक नवीन दयाल द्वारा सरस्वती बालिका इंटर कॉलेज, ढालवाला की छात्राओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रभारी निरीक्षक कमल मोहन भंडारी ने बताया कि आत्म रक्षा के गुर सीखा कर महिलाओं का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से पाच दिवसीय आत्म रक्षा कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होने कहा कि पिछले कुछ समय से क्राइम अगेंस्ट विमेन काफी बढ़ा है। मेट्रो शहर, छोटे शहर या फिर गांव-कस्बे, महिलाएं अकेले बाहर जाने में कहीं सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। जिन महिलाओं को कभी-कभी बाहर निकलना होता है। उन्हें तो उनके परिवार और रिश्तेदार अपनी सुरक्षा दे देते हैं लेकिन मुसीबत उनकी होती है, जिन्हें स्कूल-कॉलेज और ऑफिस जैसी जगहों से रोज अकेले बाहर निकलना पड़ता है। ऐसी महिलाओं के लिए जरूरी है कि उन्हें आत्मरक्षा के गुर आते हों। सेल्फ डिफेंस की ऐसी बहुत सी तकनीक मौजूद हैं। जिन्हें अगर सीख लें तो अपनी सुरक्षा के लिए काफी हद तक अपने आप पर निर्भर रह सकती हैं।
उन्होने कहा कि किसी भी परेशानी से निपटने के लिए जरूरी है कि पहले अपने पर विश्वास हो। मार्शल आर्ट तो एक पूर्ण कला है जिससे आत्म रक्षा संभव है। लेकिन मार्शल आर्ट न भी आते हों तो भी अपनी रक्षा संभव है। कराटे में विभिन्न ऐरोबिक मूवमेंट्स होते हैं जैसे कि किक, पंच, ऐल्बो व नी स्ट्राइक, ओपन हैंड टेकनीक। कराटे सीखने से महिलाओं की बॉडी फ्लेक्सिबल हो जाती है। जिससे वो उन पर अटैक करने वालों से लड़ने के लिए सक्षम होती हैं। इसमें थ्रो, जॉइंट लॉक और रेस्ट्रेंट्स जैसी टेकनीक भी सिखाई जाती है। जो मुसीबत के वक्त काम आती है। उन्होने महिलाओं को नियमित एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि शरीर फिट होगा तो वैसे ही सामने वाला किसी प्रकार बदस्लूकी करने से डरेगा।महिलाओं व बेटियों को ताइक्वांडो सीखना चाहिए। इससे इनमें आत्मनिर्भरता आती है।