पितृपक्ष के पावन अवसर पर पितरों के निमित्त सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ शनिवार को कलश यात्रा के साथ मसूरी राधा कृष्ण मंदिर के सभागार में किया गया। कलश यात्रा सुबह मसूरी के श्री सनातन धर्म मंदिर से पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ शुरू हुई और लंढौर बाजार , पिक्चर पैलेस चौक होते हुए ग्रीन चौक से राधा कृष्ण मंदिर पहुची। जहां भागवत पुराण का पूजन अर्चन किया। पूजन के बाद वेद मंत्रों के साथ कलश स्थापित कर श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। कथा व्यास कपिल देव शास्त्री ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि पुरुषोत्तम मास में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है । कथा श्रवण से जीवन जन्म और मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है ।किशोरी जी ने कहा कि नारद जी ने भक्ति देवी के कष्ट की निवृत्ति के लिए श्रीमद् भागवत कथा का सामूहिक अनुष्ठान किया था।
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जहां संत कुमारो ने श्रीमद् भागवत का प्रवचन करते हुए नारद के मन का संसय दूर किया।इसी कथा को धुंधकारी प्रेत ने अपने अग्रज से श्रवण किया और प्रेत योनि से मुक्ति पाकर विष्णु लोक को प्राप्त हुआ ।कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद् भागवत श्रवण से जीव के सभी पाप कर्म मिट जाते हैं। अंत में सामूहिक आरती और प्रसाद वितरण किया गया । कथा श्रोताओं ने सभी धर्म प्रेमी भक्त जनों से कथा श्रवण करने की अपील की हैव्यास ने कहा कि जो लोग कलश यात्रा में चलते हैं सुख – समृद्धि उनका साथ कभी नहीं छोड़ती परमात्मा की विशेष कृपा पात्र हो जाते हैं। इस मौके पर कथा व्यास कपिल शास्त्री ने अपने प्रवचनों में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत पुराण की जानकारी देते हुए कहा कि श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करने से मानव जीवन में एक जन्म नहीं अपितु हमारे कई जन्मों के पापों का नाश होने के साथ ही हमारे शुभ कर्मों का उदय होता है। इस मौके पर अनिल गोदियालमुख्य आचार्य पं. सुनील प्रसाद नौटियाल, पं.संदीप जोशी,पं.मस्तराम नौटियाल,पं. शेखर प्रसाद सेमवाल, आचार्यगण पं. अनिल नौटियाल,पं. संजीत लेखवार,पं. अनिल थपलियाल,पं.राकेश बडोनी, सह आचार्य पं. मनीष नौटियाल,पं. निखिल बहुगुणा, पं.अजीत डंगवाल, रजत अग्रवाल,सतीश ढौंढियाल,कमल बिष्ट,राजेंद्र रावत,सुनील बक्शी,हरीश राव,होशियार सिंह पुंडीर,उमेद सिंह मेहर,मनोज अग्रवाल,विजय सिंह बुटोला, जितेंद्र कैंतुरा,देवी गोदियाल,वीरेंद्र डोभाल,देवेंद्र उनियाल, आशीष भट्ट,भूपेश जोशी, मोहन पेटवाल, नागेंद्र उनियाल,अरविंद सेमवाल, कुशाल राणा, नरेंद्र पड़ियार अनिता सक्सेना, पुष्पा पडियार आदि मौजूद थे।