मसूरी एमपीजी काॅलेज में छात्र संगठन द्वारा 2018 में निर्मित शौचालय और कैंटीन का ताला तोड़े जाने पर एनएसयूआई ने विरोध दर्ज किया है उन्होंने कहा कि मसूरी छात्र संगठन द्वारा मसूरी एमपीजी काॅलेज छात्र संगठन द्वारा असंवैधानिक तरीके से कैंटीन और शौचालय का ताला तोड़ा गया है जो गलत है। एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं द्वार पूर्व छात्रसंध अध्यक्ष प्रिंस पवार और एनएसयूआई षहर अध्यक्ष नवीन षाह के नेतृत्व में प्रधानाचार्य को ज्ञापन देकर तत्काल शौचालय और कैंटीन को पर ताला लगाए जाने की मांग की है। 15 दिन के अंदर शौचालय में पानी और अन्य व्यवस्था करने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि छात्र संगठन द्वारा बिना सोचे समझे शौचालय और कैंटीन का ताला तोड़ा गया है जबकि ना तो कैंटिन और ना ही षौचालय में किसी प्रकार की सुविधा उपलब्ध नहीं है ऐसे में छात्रों को दिक्कत होगी।
वही दूसरी ओर मसूरी एमपीजी काॅलेज संगठन के अध्यक्ष प्रीतम लाल ने कहा कि 2018 में एनएसयूआई के कार्यकाल में शौचालय का निर्माण किया गया था परंतु दुर्भाग्यवश 2018 के बाद लगातार एनएसयूआई द्वारा छात्र संध का चुनाव जीता गया परंतु एनएसयूआई के द्वारा सोची समझी साजिश के तहत ना तो षौचालय खोला गया और ना ही कैंटिन को खोला गया। उन्होंने कहा कि कालेज प्रबंधन द्वारा कालेज परसिर में छात्रों की सुविधाओं के लिए षौचालय और कैंटिन को बनाया गया है ना कि किसी के निजी स्वार्थ के लिए। उनके कहा कि मसूरी एमपीजी कालेज छात्र संगठन, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा 2018 से बंद पड़े शौचालय और कैंटिन को प्रधानाचार्य कीे अनुमति के बाद खोला गया है ऐसे में कोई अवैधानिक कार्य नहीं किया गया है उन्होंने कहा कि एनएसयूआई के कार्यकर्ता मसूरी एमपीजी कालेज छात्र संगठन और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा छात्रों के हितों के लिये किए जा रहे कार्यों से बौखला गई है इसलिए उनको द्वारा बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे है। उन्होंने कहा कि जल्द शौचालय और कैंटीन का भी संचालन किया जाएगा और अगर कैंटीन का संचालन नहीं हुआ तो कैंटीन को छात्रों के हितों के उपयोग में लाये जाने के लिये कार्य किया जायेगा।